राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार से
टीजीटी, पीजीटी व कंप्यूटर शिक्षकों के लिए नीति बनाने की माग की है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विरेंद्र चौहान ने मंगलवार को
पत्रकारों से कहा कि कंप्यूटर शिक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रही निजी
कंपनी को एक्सटेंशन न दी जाए।
उन्होंने कहा कि निदेशक शिक्षा उच्च को पीजीटी के पदनाम को बदलकर प्रवक्ता करने का प्रस्ताव पूरे विवरण को कहा है जिस पर निदेशक ने अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। कंप्यूटर शिक्षकों ने नीति बनाने को 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है और सरकार द्वारा निर्णय नहीं लेने पड़े आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जाएगी। कुछ समय पूर्व नियमित हुए टीजीटी और पीजीटी के वेतनमान में कटौती की जा रही है। उन्होंने इस वेतन विसंगति को दूर करने की मुख्यमंत्री से मांग की है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने कप्प्यूटर शिक्षकों के मुद्दे पर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नाईलेट कंपनी के लाइसेंस को रीन्यु करने की तैयारी की जा रही है जिसका अध्यापक संघ विरोध करता है। निजी कंपनी को एक्सटेंशन देने से नाराज चल रहे कंप्यूटर शिक्षकों ने अपने लिए स्थायी नीति बनाने की माग दोहराई है।
क्या है वेतन विसंगति
टीजीटी को 14400 की जगह 13900 रुपये व पीजीटी को 16290 की जगह 14500 रुपये दिए जा रहे हैं। इस संबंध में कई बार सरकार और विभाग के समक्ष मामला उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने संघ के लिखित अनुरोध पर अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा को इस अनियमितता को खत्म करने के आदेश दिए हैं लेकिन इस पर अभी तक कोई अमल नहीं किया गया है। नियमों के अनुसार 2010 से पहले लगे पीजीटी कॉमर्स को बीएड में छूट है लेकिन 43 नॉन बीएड कॉमर्स पीजीटी को अभी तक नियमित नहीं किया गया है।
पांच माह से नहीं मिला वेतन
कंप्यूटर शिक्षकों ने कहा है कि उन्हें पांच माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कंप्यूटर शिक्षक गगनदीप ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षकों की राज्य स्तर पर कमेटी बनाई गई है। राज्य के सभी कंप्यूटर शिक्षक 30 जून को शिमला में आगामी रणनीति तैयार करेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
उन्होंने कहा कि निदेशक शिक्षा उच्च को पीजीटी के पदनाम को बदलकर प्रवक्ता करने का प्रस्ताव पूरे विवरण को कहा है जिस पर निदेशक ने अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। कंप्यूटर शिक्षकों ने नीति बनाने को 30 जून तक का अल्टीमेटम दिया है और सरकार द्वारा निर्णय नहीं लेने पड़े आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जाएगी। कुछ समय पूर्व नियमित हुए टीजीटी और पीजीटी के वेतनमान में कटौती की जा रही है। उन्होंने इस वेतन विसंगति को दूर करने की मुख्यमंत्री से मांग की है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने कप्प्यूटर शिक्षकों के मुद्दे पर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नाईलेट कंपनी के लाइसेंस को रीन्यु करने की तैयारी की जा रही है जिसका अध्यापक संघ विरोध करता है। निजी कंपनी को एक्सटेंशन देने से नाराज चल रहे कंप्यूटर शिक्षकों ने अपने लिए स्थायी नीति बनाने की माग दोहराई है।
क्या है वेतन विसंगति
टीजीटी को 14400 की जगह 13900 रुपये व पीजीटी को 16290 की जगह 14500 रुपये दिए जा रहे हैं। इस संबंध में कई बार सरकार और विभाग के समक्ष मामला उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने संघ के लिखित अनुरोध पर अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा को इस अनियमितता को खत्म करने के आदेश दिए हैं लेकिन इस पर अभी तक कोई अमल नहीं किया गया है। नियमों के अनुसार 2010 से पहले लगे पीजीटी कॉमर्स को बीएड में छूट है लेकिन 43 नॉन बीएड कॉमर्स पीजीटी को अभी तक नियमित नहीं किया गया है।
पांच माह से नहीं मिला वेतन
कंप्यूटर शिक्षकों ने कहा है कि उन्हें पांच माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कंप्यूटर शिक्षक गगनदीप ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षकों की राज्य स्तर पर कमेटी बनाई गई है। राज्य के सभी कंप्यूटर शिक्षक 30 जून को शिमला में आगामी रणनीति तैयार करेंगे।
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