संवाद सहयोगी, पालमपुर : मान्यता एवं संबद्धता प्राप्त निजी स्कूल
संचालक संगठन ने शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना का विरोध किया है।
स्कूल संचालकों ने विधानसभा सत्र के दौरान स्कूल बंद कर चाबियां
मुख्यमंत्री को सौंपने का फैसला लिया है। इस संबंध में 19 अगस्त को
प्रियदर्शनी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पट्टी में प्रदेशभर के निजी स्कूल
संचालकों की बैठक बुलाई गई है।
निजी स्कूल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रियदर्शनी एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन राजेश रॉकी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम से प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूलों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। विभाग के दिशानिर्देशों अनुसार प्रदेशभर के निजी स्कूलों को इस अधिनियम के तहत जेबीटी टेट पास अध्यापक ही रखने अनिवार्य हैं। इसके साथ ही बीए-बीएड व बीएससी-बीएड अध्यापक भी टेट पास होना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में संचालित करीब 4000 निजी स्कूलों को जेबीटी पास अध्यापक मिलना संभव नहीं है। जेबीटी पास अध्यापक शिक्षा बोर्ड को भी हासिल नहीं हो पा रहे हैं तो निजी स्कूल संचालक क्या कर सकते हैं। बकौल रॉकी, इस संदर्भ में उनका संगठन कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुका है। मई में मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव से संगठन की बैठक कर यह भरोसा दिलाया था कि निजी स्कूलों को किसी भी सूरत में बंद नहीं होने दिया जाएगा। संगठन अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान कर बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करने में निजी स्कूलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 अगस्त को निजी स्कूल संगठन ने प्रदेशस्तरीय बैठक प्रियदर्शनी स्कूल पट्टी में बुलाई है। इस दौरान विधानसभा सत्र के दौरान निजी स्कूलों के संचालक स्कूलों को बंद कर चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपने का निर्णय लेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
निजी स्कूल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रियदर्शनी एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन राजेश रॉकी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम से प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूलों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। विभाग के दिशानिर्देशों अनुसार प्रदेशभर के निजी स्कूलों को इस अधिनियम के तहत जेबीटी टेट पास अध्यापक ही रखने अनिवार्य हैं। इसके साथ ही बीए-बीएड व बीएससी-बीएड अध्यापक भी टेट पास होना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में संचालित करीब 4000 निजी स्कूलों को जेबीटी पास अध्यापक मिलना संभव नहीं है। जेबीटी पास अध्यापक शिक्षा बोर्ड को भी हासिल नहीं हो पा रहे हैं तो निजी स्कूल संचालक क्या कर सकते हैं। बकौल रॉकी, इस संदर्भ में उनका संगठन कई बार मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुका है। मई में मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव से संगठन की बैठक कर यह भरोसा दिलाया था कि निजी स्कूलों को किसी भी सूरत में बंद नहीं होने दिया जाएगा। संगठन अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान कर बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करने में निजी स्कूलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 अगस्त को निजी स्कूल संगठन ने प्रदेशस्तरीय बैठक प्रियदर्शनी स्कूल पट्टी में बुलाई है। इस दौरान विधानसभा सत्र के दौरान निजी स्कूलों के संचालक स्कूलों को बंद कर चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपने का निर्णय लेंगे।
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