- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: Himachal: शिक्षा विभाग ने डीपीई के 133 पद किए समाप्त, सैंकड़ों पीईटी प्रमोशन से वंचित Himachal: शिक्षा विभाग ने डीपीई के 133 पद किए समाप्त, सैंकड़ों पीईटी प्रमोशन से वंचित

Himachal: शिक्षा विभाग ने डीपीई के 133 पद किए समाप्त, सैंकड़ों पीईटी प्रमोशन से वंचित

 शिमला (प्रीति): उच्च शिक्षा विभाग ने डीपीई के 133 पद समाप्त कर दिए हैं। इन पदों को पीईटी यानि शारीरिक शिक्षकों से भरा जाना था, लेकिन अब पद समाप्त होने पर इन शिक्षकों की प्रमोशन भी रूक गई है। यह शिक्षक बीते कई वर्षों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। विभाग की ऐसी कार्यप्रणाली से शारीरिक शिक्षकों में रोष है और इस मामले पर शिक्षक कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग ने इन पदों को प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा के पदों में मर्ज किया है। विभाग ने हाल ही में प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा के 486 नए पद सृजित किए हैं।

प्रमोशन से भरे जाने वाले 133 डीपीई के पदों को इन पदों में मर्ज कर डीपीई के पदों को समाप्त कर दिया। ऐसे में अब प्रदेश के स्कूलों में डीपीई का एक पद भी रिक्त नहीं है। पिछले पांच वर्षों से शारीरिक शिक्षक डीपीई के पदों पर प्रमोशन की मांग कर रहे थे। शिक्षकों का कहना है कि विभाग ने शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। शारीरिक शिक्षक 15 वर्षों से एक पद पर कार्य कर रहे हैं, जबकि दूसरे विषयों के अध्यापकों की प्रमोशन हर वर्ष हो रही है।

प्रदेश के 450 स्कूलों में न डीपीई के पद और न ही प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा के पद सृजित
शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के 450 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में न डीपीई के पद सृजित हैं और न ही प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा के पद सृजित हैं। जिन स्कूलों में डीपीई के पद नहीं हैं, वहां विभाग को प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा के पद सृजित करने चाहिए थे। इस दौरान 2000 स्कूलों में शारीरिक शिक्षक के पद भी खाली हैं।

हिमाचल प्रदेश शारीरिक शिक्षक संघ ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विभाग और सरकार से अपील की है कि डीपीई के रिक्त पड़े प्रमोशन कोटे के पदों को प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा में मर्ज न किया जाए। संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश कुमार ने कहा है कि जल्द ही संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित चौहान की अध्यक्षता में इस मामले को प्रदेश के मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। इसके बाद भी यदि सरकार ने इसमें गौर नहीं किया तो संघ मामले पर कोर्ट जाएगा।

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