हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने प्रति कुलपति के समक्ष एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण विषय पर चर्चा की। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक विकास और उत्कृष्टता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
हपुटा ने यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य विश्वविद्यालय के आधार पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का अनुरोध किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने भर्ती और पदोन्नति के लिए यूजीसी के दिशानिर्देशों को लागू किया है। जबकि सेवानिवृत्ति आयु की नीतियां अभी भी राज्य सरकार के नियमों का पालन करती हैं न कि यूजीसी की सिफारिशों का। यूजीसी मानदंडों को आंशिक रूप से अपनाना हमारे संकाय सदस्यों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी और अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में अपने समकक्ष शिक्षकों की तुलना में नुकसान की स्थिति में रखता है, जिन्होंने यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष अपनाई है।हिमाचल प्रदेश में स्थित संस्थानों जैसे अटल मेडिकल और अनुसंधान और प्रदेश तकनीकी विवि सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष की सेवानिवृत्ति नीतियां भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक संस्थानों में असंगति को उजागर करती हैं। हपुटा ने प्रशासन से अनुरोध पर विचार करने का दोबारा आग्रह किया है। हपुटा ने यह भी मांग की है कि करियर उन्नयन योजना के तहत शिक्षकों (सीएएस) की लंबित पदोन्नतियों को तत्काल प्रभाव से पूरा किया जाए, जैसा कि यूजीसी विनियम 2018 में निर्धारित है। और अतिशीघ्र ही इन मांगों को हिमाचल प्रदेश सरकार के समक्ष उठाने का भी निर्णय लिया है।