बिहार की मगध यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां लेकर शिक्षा विभाग में सेवारत शिक्षकों के मामले में नया मोड़ आ गया है। शिक्षकों ने विजिलेंस की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सूत्रों के अनुसार शिक्षकों ने कोर्ट में दलील दी है कि पहले मामला धर्मशाला पुलिस थाना में दर्ज था। तब यह मामला बंद कर दिया गया था। अब पुराने मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। हाईकोर्ट में यह मामला 8 दिसंबर को लगा है। अब 29 दिसंबर को अगली सुनवाई है। फिलहाल राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने सभी साक्ष्यों और तथ्यों के साथ हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा है।
विजिलेंस का दावा है कि उनके पास जो दस्तावेज हैं, उससे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होना निश्चित है। यह भी दावा किया जा रहा है जिस पुलिस अधिकारी ने मामला सुबूतों के अभाव का तर्क देकर बंद करने की सिफारिश की थी, उसकी भी मुश्किलें बढ़ेंगी। मगध यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने लिखित में कहा है कि हिमाचल के इन सभी 17 शिक्षकों की डिग्रियां फर्जी हैं। संबंधित पुलिस अधिकारी वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका है। विजिलेंस थाना में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।
यह है मामला
शिक्षा विभाग में वर्ष 2004-05 में शिक्षकों की भर्तियां हुई थीं। करीब 17 अभ्यर्थियों ने बिहार के मगध विवि से बिना परीक्षा दिए फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्रियों के आधार पर नौकरी हासिल की। इनमें एक स्कूल प्रिंसिपल और एक दर्जन पूर्व सैनिक भी शामिल बताए जा रहे हैं। बिलासपुर जिले के एक स्कूल प्रिंसिपल की बीएससी, एमएससी और बीएड तीनों डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। इसकी शिकायत राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो शिमला में की गई।
हमीरपुर से विजिलेंस टीम मार्च 2018 में मगध विवि पहुंची। एक हफ्ते तक अध्यापकों की डिग्रियों से जुड़ा रिकॉर्ड खंगाला। उन्हें न अध्यापकों के प्रवेश और न परीक्षाओं से जुड़े दस्तावेज मिले। इसके बाद विजिलेंस ने मामला दर्ज कर रिपोर्ट विजिलेंस मुख्यालय शिमला में जमा करवाई। अक्तूबर 2021 में फिर हमीरपुर विजिलेंस की चार सदस्यीय टीम मगध विवि पहुंची और 17 डिग्रियों की जांच की। विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव ने सभी 17 डिग्रियों को फर्जी बताया है।
मगध यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां लेकर शिक्षा विभाग में सेवारत शिक्षकों के मामले में विजिलेंस में केस दर्ज है। जांच चल रही है। संबंधित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है। विजिलेंस के पास पुख्ता सुबूत हैं और न्यायालय में अपना पक्ष रख दिया है। - राहुल नाथ, एसपी (आईपीएस), राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो मंडी