हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह धीमान, महासचिव लाजेश धीमान तथा मीडिया प्रभारी प्रकाश चंद ने अपने सांझा बयान में कहा कि बेरोजगार संघ ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल कर दी है। हाई कोर्ट ने प्रतिवादियों को अवमानना याचिका का उतर तथा अनुपालना हेतु हल्फिया बयान चार सप्ताह के अंदर दायर करने को कहा है।
अब इस केस की सुनवाई तीन मार्च, 2022 को होगी। ज्ञात रहे इस मामले में माननीय हाई कोर्ट ने 30-10-2018 को अपने अंतिम आदेश में सरकार को शिक्षकों के सभी रिक्त पदों को एक साल के अंदर भरने के आदेश दिए थे, जिस पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने शिक्षकों के 3600 पद भरने की मंजूरी दे दी थी। इन 3600 शिक्षकों के पदों में से सरकार ने 1541 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक भेजने की मंजूरी दे दी थी। मुख्य सचिव शिक्षा हिमाचल प्रदेश सरकार ने 10-12-2019 को सरकार द्वारा दी गई उपरोक्त 3600 शिक्षकों के पद भरने की मंजूरी की सूचना निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग को दे दी थी ताकि खाली पड़े शिक्षकों के पद समय पर भरे जा सकें।
सरकार उपरोक्त 3600 नियमित शिक्षक लगभग
भर्ती भी कर चुकी है, लेकिन 1541 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित
शिक्षक नहीं भेजें हैं। यही नहीं माननीय हाई कोर्ट के तहत 3-11-2020 को दिए
गए अंतिम आदेश में प्रतिवादियों को शिक्षकों के पद भरते समय बच्चों को
मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2010 के नियम 20 की अनुपालना करने के
निर्देश दिए थे , जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों में अस्थायी शिक्षक तैनात
नहीं किए जा सकते। ज्ञात रहे 2555 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति 17-7-2012
की नोटिफिकेशन के तहत एक साल के लिए अस्थायी तौर पर पीरियड वेसिस पर की गई
थी। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी अभी तक इन्हें हटाया नहीं गया है।