शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Employees News, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लंबे अरसे से सेवाएं दे रहे 2555 एसएमसी शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ठोस नीति बनाने जा
रही है। इसके अलावा सीएंडवी श्रेणी के शिक्षकों की लंबे समय से लंबित पड़ी पदनाम बदलने की मांग भी जल्द पूरी होने वाली है। दो दिसंबर को मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक में इन मसलों पर चर्चा होगी। बैठक में लिए शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किए गए एजंडे में इस मामले को चर्चा के लिए रखा है। बैठक से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने निदेशक उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। शिक्षकों की सेवाओं को देखते हुए सरकार इन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ठोस नीति बनाए, ताकि इन शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके। धूमल जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस वक्त इनकी नियुक्तियां की गई थी। एसएमसी के तहत पीजीटी, डीपीई, टीजीटी, सीएंडवी और जेबीटी शिक्षक लगाए गए हैं। शिक्षकों की लंबी सेवाओं को देखते हुए सरकार ने अब इस बाबत सकारात्मक रुख अपनाते हुए आगामी फैसला लेने की कवायद शुरू की है।हाई पावर कमेटी की पहली बैठक
स्कूल व कॉलेज शिक्षकों की मांगों को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अप्रैल महीने में यह कमेटी गठित की थी। 11 सदस्यीय कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, कार्मिक, विधि और शिक्षा सचिव को सदस्य बनाया है। उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक इसके सदस्य सचिव बनाए गए हैं। कमेटी में विशेष/अतिरिक्त और संयुक्त सचिव स्तर के वित्त और शिक्षा विभाग की ए, बी और सी शाखा के अधिकारी भी सदस्य बनाए गए हैं। शिक्षकों से जुड़े पदोन्नति, तबादलों, नियुक्तियों और नियमितीकरण से संबंधित मामलों की सुनवाई इस कमेटी में होनी है। कमेटी की सिफारिश पर ही कैबिनेट मंजूरी को मामले भेजे जाएंगे। कमेटी की यह पहली बैठक है। शिक्षक काफी समय से बैठक की मांग उठा रहे हैं।