धर्मशाला, संवाद सहयोगी। हिमाचल शिक्षक मंच की एक दिवसीय बैठक धर्मशाला में हुई। बैठक की अध्यक्षता मंच के प्रदेश संयोजक अश्वनी भट्ट ने की। उन्होंने शिक्षा जगत में वर्तमान में चल रही समस्याओं को रखते हुए उनके त्वरित समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। प्रदेश में शिक्षकों के लंबें समय से चली आ रही कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक पदों को भरने की अनुशंसा करने के बावजूद इनका कोर्ट में अन्य विवादों मे फंसे होने पर चिंता व्यक्त की और सरकार से यह मांग की गई की तुरंत प्रभाव से ऐसे मामलों में कोर्ट में तथ्यों सहित सरकार पैरवी करे और इनका समाधान करके लंबित चल रही भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण करे, ताकि प्रदेश में षिक्षकों की कमी से जूझ रही पाठशालाओं को राहत मिल सके।
मंच ने प्रदेश सरकार से नई शिक्षा नीति के अमल में लाने की प्र्रक्रिया में भी तेजी लाने की मांग की। नई शिक्षा नीति के तहत कलस्टर पाठशालाओं के निर्माण में तेजी लाने व कलस्टर के तहत आने वाले सभी स्कूलों के लिए एक ही कलस्टर बनाने की मांग की गई। प्रदेश मे शिक्षकों की लंबित पदोन्नतिों पर चर्चा उपरांत मंच ने प्रस्ताव पारित किया कि इस विष्रय को लेकर मंच शीघ्र ही शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंप कर पदोन्नतियों को शीघ्र जारी करने की मांग करेगा। मंच ने प्रधानाचार्य पदोन्नतियों में मुख्याध्यापकों व प्रवक्ताओं के देय अनुपात में किसी भी प्रकार के परिवर्तन के विचार का विरोध किया। मंच ने जेसीसी की प्रस्तावित तर्ज पर प्रदेश के कर्मचारियों के सबसे बड़े वर्ग शिक्षकों के लिए अलग से जेसीसी करवाने की मांग की है।
मंच ने प्रदेश में शिक्षा उपनिदेशकों के पदों पर बिना किसी वित्तीय लाभ के की जा रही पदोन्नतियों पर तुरंत सरकार से संज्ञान लेकर शिक्षा उपनिदेशकों के पदों पर वेतन वृद्धि सहित पदोन्नति देने की मांग की है। मंच के अनुसार शिक्षा उपनिदेशक का पद जिला स्तर का होता है, लेकिन इन्हें वित्तिय लाभ प्रधानाचार्य पद के ही मिलते हैं, ऐसे में जिम्मेदारी बढ़ने के वावजूद वेतन में कोई भी वृद्धि न दिया जाना केंद्रीय सेवा नियमावली के पदोन्नति व वेतन निर्धारण के मूलभूत नियम 22 का भी उल्लंघन है।
जिसके तहत बढ़ी हुई जिम्मेदारी देने को पदोन्नति माना गया है। जिसके लिए वेतन वृद्धि का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त मंच ने सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रधानाचार्य के स्थान पर शिक्षा उपनिदेशकों के पदों के सृजन की मांग की है, क्योंकि इन संस्थानों का संचालन भी जिला स्तर का ही होता है। मंच ने कोरोना काल में काल का ग्रास बने शिक्षकों की आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा। मंच के विस्तार व नए सदस्यों को जोडने के लिए मंच द्वारा आगामी शैक्षणिक सत्र से जिला स्तर पर ऐसी बैठकों के आयोजन का प्रस्ताव भी पारित किया। इसकी जिम्मेवारी विजय शमशेर भंडारी व तपिष थापा को सौंपी गई। जिसकी शुरूआत मंडी जिला से होगी। बैठक में प्रांत संयोजक संयोजक अश्वनी भटट, संजय मोगू सहित जिला संयोजक सुनील राजपूत व अन्य मौजूद रहे।