शिक्षा विभाग में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत शिक्षकों की भर्तियां करने का मामला उजागर हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर ने तीन अपात्र लोगों को जेबीटी शिक्षक बना दिया। तीन साल तक विभिन्न स्कूलों में सेवाएं देने के बाद विभागीय लापरवाही का पता चला है। विभाग ने तीनों शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजे हैं।
दस्तावेजों की जांच में तीनों की शैक्षणिक योग्यता पूरी न होने का खुलासा हुआ है। इससे अब उनकी नियमितीकरण की प्रक्रिया लटक गई है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर ने अगस्त, 2018 में बैच वाइज आधार पर अनुबंध आधार पर तीन जेबीटी शिक्षकों की भर्तियां की थीं।
भर्तियों के लिए विभाग ने जेबीटी, डीएलएड या ईटीटी समकक्ष व्यावसायिक योग्यता और बारहवीं कक्षा में 50 फीसदी अंक, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 45 फीसदी अंकों की शर्त रखी थी। विभाग ने जिन तीन सामान्य श्रेणी के शिक्षकों को जेबीटी शिक्षक नियुक्त किया, उनमें से एक ने नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) का कोर्स किया है, जो जेबीटी के समकक्ष नहीं है। यह योग्यता प्री-नर्सरी कक्षाओं के लिए है।
दो अन्य शिक्षकों के बारहवीं कक्षा में 40 और 42 फीसदी अंक हैं। साक्षात्कार के दौरान स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। विभाग ने संतोषजनक जवाब न मिलने पर तीनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की चेतावनी दी है।
तीन जेबीटी शिक्षकों की योग्यता भर्ती एवं पदोन्नति नियम पूरा नहीं करती है। साक्षात्कार के दौरान स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल अधिकारियों से भी पूछताछ होगी। तीनों शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस भेजकर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। अगर वे दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते तो नियमानुसार आगामी कार्रवाई होगी। - संजय कुमार ठाकुर, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर