शिमला [जेएनएन]: प्रदेश सरकार ने अनुबंध नीति के
इंतजार में बैठे स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र
2017-18 के लिए एक साल का अनुबंध रिन्यू नहीं किया है।
इस कारण प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में तैनात करीब ढाई हजार पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षक सोमवार को स्कूल नहीं गए। इस कारण कई स्कूलों में सत्र के पहले ही दिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई।
शीतकालीन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो गया था। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात करीब दो हजार एसएमसी शिक्षकों का अनुबंध मार्च तक जारी रहेगा। प्रदेश सरकार हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले एसएमसी शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण करती आ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश सरकार ने स्कूल में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी अनुबंध नवीनीकरण नहीं किया है। शिक्षकों के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल अनुबंध करता है। एसएमसी के तहत नियुक्त जेबीटी को 3500 रुपये, टीजीटी को छह हजार रुपये व सीएडवी शिक्षक को 4500 रुपये मानदेय दिया जाता है।
जनवरी में शिक्षकों ने शिमला में सम्मेलन कर मुख्यमंत्री और युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह को सम्मानित किया था। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने एसएमसी शिक्षको के लिए अनुबंध नीति बनाने का आश्वासन दिया था। 31 दिसंबर 2016 को एक साल का अनुबंध पूरा कर चुके एसएमसी शिक्षक इन दिनों अनुबंध नीति आने के इंतजार में थे। नीति की घोषणा होना तो दूर, शिक्षको को एक्सटेशन भी नहीं मिल सकी है। प्रदेश में करीब चार हजार एसएमसी शिक्षको को दूरदराज के स्कूलो मे नियुक्तियां दी गई है। दूरदराज के जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक जाने से गुरेज करते है, वहां एसएमसी शिक्षको के सहारे ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से करेंगे मुलाकात
एसएमसी शिक्षक संघ के महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री से जल्द मुलाकात करेंगे। शिक्षकों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जाएगा।
नहीं मिली मंजूरी
सरकार से एसएमसी शिक्षको के अनुबंध को एक्सटेंशन देने की मंजूरी नहीं मिली है। इसकी मंजूरी वहीं से आती है।-मनमोहन शर्मा, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा।
इस कारण प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में तैनात करीब ढाई हजार पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षक सोमवार को स्कूल नहीं गए। इस कारण कई स्कूलों में सत्र के पहले ही दिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई।
शीतकालीन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो गया था। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात करीब दो हजार एसएमसी शिक्षकों का अनुबंध मार्च तक जारी रहेगा। प्रदेश सरकार हर साल शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले एसएमसी शिक्षकों के अनुबंध का नवीनीकरण करती आ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेश सरकार ने स्कूल में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी अनुबंध नवीनीकरण नहीं किया है। शिक्षकों के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल अनुबंध करता है। एसएमसी के तहत नियुक्त जेबीटी को 3500 रुपये, टीजीटी को छह हजार रुपये व सीएडवी शिक्षक को 4500 रुपये मानदेय दिया जाता है।
जनवरी में शिक्षकों ने शिमला में सम्मेलन कर मुख्यमंत्री और युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह को सम्मानित किया था। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने एसएमसी शिक्षको के लिए अनुबंध नीति बनाने का आश्वासन दिया था। 31 दिसंबर 2016 को एक साल का अनुबंध पूरा कर चुके एसएमसी शिक्षक इन दिनों अनुबंध नीति आने के इंतजार में थे। नीति की घोषणा होना तो दूर, शिक्षको को एक्सटेशन भी नहीं मिल सकी है। प्रदेश में करीब चार हजार एसएमसी शिक्षको को दूरदराज के स्कूलो मे नियुक्तियां दी गई है। दूरदराज के जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक जाने से गुरेज करते है, वहां एसएमसी शिक्षको के सहारे ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री से करेंगे मुलाकात
एसएमसी शिक्षक संघ के महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री से जल्द मुलाकात करेंगे। शिक्षकों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जाएगा।
नहीं मिली मंजूरी
सरकार से एसएमसी शिक्षको के अनुबंध को एक्सटेंशन देने की मंजूरी नहीं मिली है। इसकी मंजूरी वहीं से आती है।-मनमोहन शर्मा, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा।