स्कूल से फरलो मारकर दिनभर शिक्षा निदेशालय में घूमकर राजनीति चमकाने वाले
शिक्षकों की अब खैर नहीं। शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों पर नकेल कसने जा रहा
है। राज्य सचिवालय, शिक्षा निदेशालय सहित उप शिक्षा निदेशालय में आने वाले
शिक्षकों को ये बताना होगा कि वे किस काम से यहां आए हैं।
उनका पूरा रिकाॅर्ड रजिस्टर पर मेंटेन किया जाएगा। यदि शिक्षक ऑफिशियल वर्क से ऑफिस आए हैं तो इसके लिए क्या उन्होंने एचओडी से परमिशन ली है। यदि अपने पर्सनल वर्क से आए हैं तो क्या उन्होंने छुट्टी ली है। यदि वे बिना छुट्टी के लिए निदेशालय पहुंचे होंगे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशालय शिक्षकों के रिकार्ड को मेंटेन कर उन्हें स्कूल रजिस्टर से वेरिफाई करवाएगा।
इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डाॅ. एजेवी प्रसाद के साथ आयोजित अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग जल्द ही इसको लेकर सर्कुलर सभी उप शिक्षा निदेशकों को भी जारी कर रहा है। राज्य सरकार के पास भी ये शिकायतें पहुंची हँ कि शिक्षक निदेशालय से लेकर उप शिक्षा निदेशालय में दिनभर घूमते रहते हैं और अपनी राजनीत चमकाते रहते हैं। इस कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए ये फैसला लिया है।
निदेशक के समक्ष उठा था मामला
शिक्षानिदेशालय में प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों से शिक्षक तबादला, सिनियोरिटी लिस्ट देखने के लिए पहुंचे होते हैं। किस स्कूल में खाली पद हैं। किस टीचर की टर्म पूरी हो गई है इसका रिकार्ड निदेशालय से लेते रहते हैं। इसके लिए ब्रांचों में दिनभर शिक्षक नेताओं की भीड़ जमी रहती है। इस को लेकर काफी विरोध भी हुआ था। मामला निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग के पास पहुंचा था। जिसके बाद ऐसे निर्देश दिए गए थे कि ब्रांच ऑफिसर की अनुमति के बगैर कोई भी सीधे कर्मचारी से नहीं मिल पाएगा। बावजूद इसके निदेशालय में आए दिन शिक्षक नेताओं का हुजूम उमड़ा रहता है।
निदेशालय ने लगाए कैमरे
प्रारंभिकशिक्षा निदेशालय ने एक साल पहले दोनों गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इन्हें लगाने का मुख्य कारण दिनभर यहां राजनीति चमकाने आने वाले शिक्षक और कर्मचारी नेताओं पर नजर रखना है। लेकिन इसका भी कोई खासा असर नहीं पड़ रहा है।
अभी ये व्यवस्था: शिक्षानिदेशालय में रोजाना 50 से 100 टीचर पहुंचते हैं। रिसेप्शन पर अधिकारी से मिलने के लिए चिट लिखवाते हैं। लेकिन इस रिकाॅर्ड को मेंटेन नहीं किया जाता। वे किस काम से आए हैं ये पूछा जाता है लेकिन छुट्टी के बारे में नहीं पूछा जाता।
बॉयोमीट्रिक से चेक होगी हाजिरी
उच्चतर शिक्षा विभाग स्कूलों में बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था कर रहा है। काफी स्कूलों में मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इन अटेंडेंस को निदेशालय से लिंक किया है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग अपने कमरे में हाजरी देख सकते हैं। टीचरों की ओर से दिए जाने वाले रिकाॅर्ड को चेक किया जाएगा। यदि इसमें अनियमितता पाई जाती है तो उन के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उनका पूरा रिकाॅर्ड रजिस्टर पर मेंटेन किया जाएगा। यदि शिक्षक ऑफिशियल वर्क से ऑफिस आए हैं तो इसके लिए क्या उन्होंने एचओडी से परमिशन ली है। यदि अपने पर्सनल वर्क से आए हैं तो क्या उन्होंने छुट्टी ली है। यदि वे बिना छुट्टी के लिए निदेशालय पहुंचे होंगे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशालय शिक्षकों के रिकार्ड को मेंटेन कर उन्हें स्कूल रजिस्टर से वेरिफाई करवाएगा।
इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डाॅ. एजेवी प्रसाद के साथ आयोजित अधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया है। उच्चतर शिक्षा विभाग जल्द ही इसको लेकर सर्कुलर सभी उप शिक्षा निदेशकों को भी जारी कर रहा है। राज्य सरकार के पास भी ये शिकायतें पहुंची हँ कि शिक्षक निदेशालय से लेकर उप शिक्षा निदेशालय में दिनभर घूमते रहते हैं और अपनी राजनीत चमकाते रहते हैं। इस कारण स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए ये फैसला लिया है।
निदेशक के समक्ष उठा था मामला
शिक्षानिदेशालय में प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों से शिक्षक तबादला, सिनियोरिटी लिस्ट देखने के लिए पहुंचे होते हैं। किस स्कूल में खाली पद हैं। किस टीचर की टर्म पूरी हो गई है इसका रिकार्ड निदेशालय से लेते रहते हैं। इसके लिए ब्रांचों में दिनभर शिक्षक नेताओं की भीड़ जमी रहती है। इस को लेकर काफी विरोध भी हुआ था। मामला निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग के पास पहुंचा था। जिसके बाद ऐसे निर्देश दिए गए थे कि ब्रांच ऑफिसर की अनुमति के बगैर कोई भी सीधे कर्मचारी से नहीं मिल पाएगा। बावजूद इसके निदेशालय में आए दिन शिक्षक नेताओं का हुजूम उमड़ा रहता है।
निदेशालय ने लगाए कैमरे
प्रारंभिकशिक्षा निदेशालय ने एक साल पहले दोनों गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। इन्हें लगाने का मुख्य कारण दिनभर यहां राजनीति चमकाने आने वाले शिक्षक और कर्मचारी नेताओं पर नजर रखना है। लेकिन इसका भी कोई खासा असर नहीं पड़ रहा है।
अभी ये व्यवस्था: शिक्षानिदेशालय में रोजाना 50 से 100 टीचर पहुंचते हैं। रिसेप्शन पर अधिकारी से मिलने के लिए चिट लिखवाते हैं। लेकिन इस रिकाॅर्ड को मेंटेन नहीं किया जाता। वे किस काम से आए हैं ये पूछा जाता है लेकिन छुट्टी के बारे में नहीं पूछा जाता।
बॉयोमीट्रिक से चेक होगी हाजिरी
उच्चतर शिक्षा विभाग स्कूलों में बॉयोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था कर रहा है। काफी स्कूलों में मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इन अटेंडेंस को निदेशालय से लिंक किया है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग अपने कमरे में हाजरी देख सकते हैं। टीचरों की ओर से दिए जाने वाले रिकाॅर्ड को चेक किया जाएगा। यदि इसमें अनियमितता पाई जाती है तो उन के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।