शिमला | हिमाचल सरकार को शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति स्थाई तौर
पर कमीशन के माध्यम से ही करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले
में दायर एसएलपी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता
पंकज कुमार की एसएलपी को रिट पिटीशन में बदल दिया है।
दूसरी तरफ राज्य सरकार को भविष्य में शिक्षकों की नियुक्तियां स्थाई तौर पर ही पूरी प्रक्रिया से करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बाद राज्य में बिना कमीशन के शिक्षकों की हो रही नियुक्ति पर रोक लग जाएगी। सरकार को कमीशन के माध्यम से ही शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। इस मामले में राज्य हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इन आदेशों को याचिकाकर्ता पंकज ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से चुनौती दी थी। इसमें पंकज की आेर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण केस की पैरवी कर रहे थे। हालांकि राज्य सरकार की आेर से भी मामले की पैरवी के लिए देश के नामी वकीलों को हायर किया था। कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद राज्य में सत्ता परिर्वतन के बाद इन सभी मामलों पर जांच की गई। एक हजार से पीटीए शिक्षकों की नौकरी तक चली गई। वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद पीटीए को बहाल किया आैर इन्हें अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति तैयार की गई।
दूसरी तरफ राज्य सरकार को भविष्य में शिक्षकों की नियुक्तियां स्थाई तौर पर ही पूरी प्रक्रिया से करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बाद राज्य में बिना कमीशन के शिक्षकों की हो रही नियुक्ति पर रोक लग जाएगी। सरकार को कमीशन के माध्यम से ही शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी। इस मामले में राज्य हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इन आदेशों को याचिकाकर्ता पंकज ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से चुनौती दी थी। इसमें पंकज की आेर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण केस की पैरवी कर रहे थे। हालांकि राज्य सरकार की आेर से भी मामले की पैरवी के लिए देश के नामी वकीलों को हायर किया था। कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद राज्य में सत्ता परिर्वतन के बाद इन सभी मामलों पर जांच की गई। एक हजार से पीटीए शिक्षकों की नौकरी तक चली गई। वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद पीटीए को बहाल किया आैर इन्हें अनुबंध पर लाकर नियमित करने की नीति तैयार की गई।