राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: एक छात्र वाले सरकारी स्कूल में तीन शिक्षकों
की तैनाती के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हरी चंद
अरोड़ा ने पंजाब सरकार को कानूनी नोटिस भेजा है।
उन्होंने इस स्कूल को जल्द बंद किए जाने की मांग की है। इस छात्र को पढ़ाने के लिए पंजाब सरकार हर महीने 1.85 लाख रुपये का खर्च वहन कर रही है। अरोड़ा ने अब तक हुए खर्च की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों से किए जाने की मांग की है। बठिंडा के कोठे मलुआना क्षेत्र में स्थित इस सरकारी मिडल स्कूल में आठवीं कक्षा के एक छात्र को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों की तैनाती की जानकारी शिक्षा सचिव के 28 जुलाई के औचक निरीक्षण में सामने आई। इसके बाद मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के चलते एडवोकेट अरोड़ा ने कानूनी नोटिस जारी किया।
उल्लेखनीय है कि मिडल स्तर के इस स्कूल में पंजाबी, ¨हदी और फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक तैनात हैं। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और गणित जैसे विषय भी यही शिक्षक पढ़ा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस तथ्य से और भी स्पष्ट होती है कि ये शिक्षक स्थानीय निवासी ना होकर दूरस्थ स्थानों से यहां शिक्षण का कार्य करने आते हैं। कैप्टन के पैतृक गांव में है स्कूल
सिर्फ एक विद्यार्थी होने के बावजूद इस स्कूल को क्यों चलाया जा रहा है। इसका कोई पुख्ता कारण नहीं है। यह स्कूल मेहराज गांव में स्थित है, जो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह का पैतृक गांव है। इस स्कूल के साथ ही चल रहे प्राइमरी स्कूल की हालत भी बेहतर नहीं है। इसमें भी सिर्फ दो छात्र पढ़ रहे हैं। हालांकि, प्राइमरी शाखा में कोई भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है। इस शाखा में छात्रों को पढ़ाने का काम एक स्वयंसेवक कर रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मिडल स्कूल को बंद करने और तीनों शिक्षकों को स्थानांतरित करने की सिफारिश शिक्षा विभाग को भेज दी है।
उन्होंने इस स्कूल को जल्द बंद किए जाने की मांग की है। इस छात्र को पढ़ाने के लिए पंजाब सरकार हर महीने 1.85 लाख रुपये का खर्च वहन कर रही है। अरोड़ा ने अब तक हुए खर्च की भरपाई जिम्मेदार अधिकारियों से किए जाने की मांग की है। बठिंडा के कोठे मलुआना क्षेत्र में स्थित इस सरकारी मिडल स्कूल में आठवीं कक्षा के एक छात्र को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों की तैनाती की जानकारी शिक्षा सचिव के 28 जुलाई के औचक निरीक्षण में सामने आई। इसके बाद मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के चलते एडवोकेट अरोड़ा ने कानूनी नोटिस जारी किया।
उल्लेखनीय है कि मिडल स्तर के इस स्कूल में पंजाबी, ¨हदी और फिजिकल एजुकेशन के शिक्षक तैनात हैं। विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और गणित जैसे विषय भी यही शिक्षक पढ़ा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही इस तथ्य से और भी स्पष्ट होती है कि ये शिक्षक स्थानीय निवासी ना होकर दूरस्थ स्थानों से यहां शिक्षण का कार्य करने आते हैं। कैप्टन के पैतृक गांव में है स्कूल
सिर्फ एक विद्यार्थी होने के बावजूद इस स्कूल को क्यों चलाया जा रहा है। इसका कोई पुख्ता कारण नहीं है। यह स्कूल मेहराज गांव में स्थित है, जो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह का पैतृक गांव है। इस स्कूल के साथ ही चल रहे प्राइमरी स्कूल की हालत भी बेहतर नहीं है। इसमें भी सिर्फ दो छात्र पढ़ रहे हैं। हालांकि, प्राइमरी शाखा में कोई भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है। इस शाखा में छात्रों को पढ़ाने का काम एक स्वयंसेवक कर रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मिडल स्कूल को बंद करने और तीनों शिक्षकों को स्थानांतरित करने की सिफारिश शिक्षा विभाग को भेज दी है।