जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया दो माह के लिए लटक गई है। लोकसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता के कारण विवि में नए पदों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी है। शिक्षकों के करीब 130 पद भरे जाने हैं, जबकि गैर शिक्षकों के 150 से अधिक पद शामिल हैं।
जनवरी में वित्त कमेटी की बैठक में उक्त पदों को भरने की मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय में मामला लटके होने के कारण दो साल से भर्ती रुकी थी। वहीं गैर शिक्षकों की भर्ती नए आर्थिक आरक्षण के फैसले के कारण लटकी हुई है। अभी तक आरक्षण रोस्टर ही जारी नहीं हुआ है। इसी बीच आदर्श आचार संहिता लग गई है। वहीं शिक्षकों की भर्ती को लेकर केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया है। अगर आचार संहिता न लगती तो नए सत्र शुरू होने से पहले शिक्षकों एवं गैर शिक्षकों के पदों की भर्ती शुरू हो जानी थी, लेकिन अब 23 मई के बाद ही आचार संहिता हटते ही प्रक्रिया तेज हो पाएगी।
पेंशनरों को बैंक में देना होगा जिदा होने का प्रमाण
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प्रति कुलपति प्रो. राजेंद्र चौहान ने कहा कि आचार संहिता के दौरान भर्ती प्रक्रिया नहीं हो सकती। आचार संहिता के बाद ही आगामी प्रक्रिया तेज होगी।
प्रभावित हो रही पढ़ाई
शिक्षकों के 100 से अधिक पद खाली हैं। इस वजह से गेस्ट फैकल्टी के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाने का कार्य चल रहा है, लेकिन शोध कार्य काफी प्रभावित हो रहे हैं। विभागों में विद्यार्थियों को एमफिल और पीएचडी गाइड ही नहीं मिल पा रहे हैं। लंबे समय छात्रों को अन्य राज्यों में पीएचडी और एमफिल करने के लिए जाना पड़ रहा है।
फ्री कोचिग के लिए तीन साल में कोई आवेदन नहीं
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शाखाओं में काम करवाने में दिक्कत
50 से अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत करके क्लर्क बना दिया है। लेकिन इनसे काम लेने में काफी दिक्कतें विवि प्रशासन को आ रही हैं, जिन भी ब्रांच में उक्त क्लर्को को नियुक्त किया है, वो मुख्य कार्य पर नहीं हैं। इस वजह से जो फाइल एक दिन में क्लीयर होती है, उसे दो से तीन दिन लग रहे हैं। काफी काम पेंडिंग हो गया है।
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