प्रदेश के स्कूलों में लगातार जेबीटी के पदों पर रिक्तियों का सिलसिला जारी है। एक माह पहले स्कूलों में जेबीटी के 3301 पद खाली थे और इस माह स्कूलों में 3537 पद खाली हो गए हैं।
यानि एक साथ स्कूलों में जेबीटी के 236 पद खाली हो गए हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है लगातार स्कूलों में जेबीटी शिक्षकों का आंकड़ा घटता जा रहा है। पिछले चार सालों से शिक्षकों के पद खाली है और उन्हें अभी तक नहीं भरा जा सका है। इसमें न केवल जेबीटी बल्कि, हैड टीचर और सीएचटी यानि सेंटर हैड टीचर के अलावा बीईईओ यानि खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सहित कई पद खाली है, जिन्हें अभी भरा जाना है। इसमें सबसे ज्यादा पद पूरे प्रदेश में जेबीटी के 3357 पद पूरे प्रदेश में खाली है। इसमें सबसे ज्यादा जेबीटी के पद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अपने विधानसभा क्षेत्र मंडी में हैं।यहां पर 524 जेबीटी शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इसके साथ ही हैड टीचर के 259, सीएचटी के 53 और बीईईओ के चार पद खाली है। प्रदेश सरकार बार-बार दावा करती है, शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, लेकिन प्राइमरी स्कूलों को पढ़ाने के लिए सबसे कम टीचर है। इसमें एक बड़ा कारण ये भी है कि प्रदेश के स्कूलों में पिछले चार साल से जेबीटी की नई भर्तियां नहीं हो पाई है। हालांकि अब तीन हजार पदों पर जेबीटी का रिजल्ट निकाल दिया गया है और हमीरपुर चयन आयोग की ओर से अब इन पदों को भरने की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है, लेकिन यह तय है कि शिक्षकों के पद खाली होने से बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ा है। जेबीटी शिक्षक लगातार स्कूलों में कमीशन और बैचवाइज आधार पर भर्तियां करने की मांग कर रहे हैं।