जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष
वीरेंद्र चौहान ने एसएमसी शिक्षक भर्ती को गलत करार दिया है। साथ ही इसे
शिक्षकों के साथ धोखा करार दिया। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि को शिक्षा की गुणवत्ता व शिक्षक हित के उन
मुद्दों पर वार्तालाप हुआ जो संघ लंबे समय से लंबित मानता है, जो मांग पत्र
के माध्यम से मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा व वित्त निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा को सौंपे गए।
मुख्य मुद्दे जिन पर वार्ता हुई उनमें संघ के मुख्यमंत्री द्वारा कुल्लू की जनसभा में अध्यापकों की शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की गई एकतरफ आलोचना का विरोध किया तथा सरकार व विभाग को गुणवत्ता में आई गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया। संघ ने आरोप लगाया कि यदि सरकार गुणवत्ता को लेकर वास्तव में चिंतित होती तो वह विभाग की प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित 31 मई 2005 व दो सितंबर की अधिसूचना अक्षरश लागू करती न कि प्राथमिक शब्द हटाकर प्रारंभिक शब्द का प्रयोग करती। अगर गुणवत्ता की मंशा होती तो इस अधिसूचना को विभाग गुप चुप तरीके से वापस न लेती। संघ उक्त अधिसूचना की बहाली व इसे लागू करने की सरकार से मांग करता है जिसे कंपोजिट स्कूल प्रणाली यानी एक कैंपस में एक मुखिया के अधीन लाने तथा निचली कक्षाओं में विष्ज्ञय विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
संघ संशोधित ग्रेड पे को पहली अक्टूबर के स्थान पर पहली जनवरी, 2006 से लागू करने की मांग करता है तथा 2009 के पे नियम के अनुसार प्रथम नियुक्ति पर इनिशियल स्टार्ट देने की मांग करता है। वित्त विभाग से संशोधित पे नियम की 24 सितंबर 2012 की अधिसूचना रद्द करने की मांग करता है। वित्त विभाग स्वयं भी पहली नवंबर, 2014 तक अपनी 24 सितंबर, 2012 की अधिसूचना से अनभिज्ञ था तभी तो पहली सितंबर 2015 को इस बाबत एक और अधिसूचना जारी करनी पड़ी।
संघ 4-9-14 से संबंधित सात जुलाई 2014 व 9 सितंबर 2014 की वित्तीय विभाग की अधिसूचनाओं की वापसी की भी जोरदार मांग करता है। प्रेस वार्ता के दौरान संघ के महासचिव नरेश महाराज, वित्त सचिव मुकेश शर्मा, राज्य कार्यकारिणी के प्रधान प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, मुख्य सरंक्षक अजीत चौहान, संरक्षक अरूण गुलेरिया, उपाध्यक्ष विजय गोस्वामी, सहायक वित्त सचिव सुरेश भारद्वाज, मुख्यालय सचिव हरनाम धर्मा, अश्वनी गुलेरिया, मनसा राम, विशाल, संतोष गुलेरिया व शिमला जिला अध्यक्ष महावीर कैंथला, मंडी के नरेश महाजन, चंबा के हरि प्रसाद शर्मा, तिलक नायक, सतींद्र राणा, ताराचंद शर्मा आदि मौजूद रहे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मुख्य मुद्दे जिन पर वार्ता हुई उनमें संघ के मुख्यमंत्री द्वारा कुल्लू की जनसभा में अध्यापकों की शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर की गई एकतरफ आलोचना का विरोध किया तथा सरकार व विभाग को गुणवत्ता में आई गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया। संघ ने आरोप लगाया कि यदि सरकार गुणवत्ता को लेकर वास्तव में चिंतित होती तो वह विभाग की प्रारंभिक शिक्षा से संबंधित 31 मई 2005 व दो सितंबर की अधिसूचना अक्षरश लागू करती न कि प्राथमिक शब्द हटाकर प्रारंभिक शब्द का प्रयोग करती। अगर गुणवत्ता की मंशा होती तो इस अधिसूचना को विभाग गुप चुप तरीके से वापस न लेती। संघ उक्त अधिसूचना की बहाली व इसे लागू करने की सरकार से मांग करता है जिसे कंपोजिट स्कूल प्रणाली यानी एक कैंपस में एक मुखिया के अधीन लाने तथा निचली कक्षाओं में विष्ज्ञय विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
संघ संशोधित ग्रेड पे को पहली अक्टूबर के स्थान पर पहली जनवरी, 2006 से लागू करने की मांग करता है तथा 2009 के पे नियम के अनुसार प्रथम नियुक्ति पर इनिशियल स्टार्ट देने की मांग करता है। वित्त विभाग से संशोधित पे नियम की 24 सितंबर 2012 की अधिसूचना रद्द करने की मांग करता है। वित्त विभाग स्वयं भी पहली नवंबर, 2014 तक अपनी 24 सितंबर, 2012 की अधिसूचना से अनभिज्ञ था तभी तो पहली सितंबर 2015 को इस बाबत एक और अधिसूचना जारी करनी पड़ी।
संघ 4-9-14 से संबंधित सात जुलाई 2014 व 9 सितंबर 2014 की वित्तीय विभाग की अधिसूचनाओं की वापसी की भी जोरदार मांग करता है। प्रेस वार्ता के दौरान संघ के महासचिव नरेश महाराज, वित्त सचिव मुकेश शर्मा, राज्य कार्यकारिणी के प्रधान प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, मुख्य सरंक्षक अजीत चौहान, संरक्षक अरूण गुलेरिया, उपाध्यक्ष विजय गोस्वामी, सहायक वित्त सचिव सुरेश भारद्वाज, मुख्यालय सचिव हरनाम धर्मा, अश्वनी गुलेरिया, मनसा राम, विशाल, संतोष गुलेरिया व शिमला जिला अध्यक्ष महावीर कैंथला, मंडी के नरेश महाजन, चंबा के हरि प्रसाद शर्मा, तिलक नायक, सतींद्र राणा, ताराचंद शर्मा आदि मौजूद रहे।
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