साल 2012 और 2014 में
नियुक्त किए गए करीब 4000 एसएमसी शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।
नियमित शिक्षकों की नियुक्ति पर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के तहत रखे
शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर
दी है। इससे एसएमसी शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। एसएमसी शिक्षकों को दी
गई एक साल की एक्सटेंशन 31 दिसंबर को खत्म होने जा रही है। ऐसे में उनकी
एक्सटेंशन बढ़ाने की संभावना कम ही लग रही है।
प्रदेश के स्कूलों में एसएमसी से तैनात पीरियड
बेस करीब 2500 शिक्षकों को राज्य सरकार ने इसी साल फरवरी महीने में एक साल
का सेवा विस्तार दिया था। जुलाई महीने में करीब 1500 शिक्षकों की भर्ती की
गई। इसी दौरान सरकार ने आदेश जारी कर एसएमसी शिक्षकों की जगह नियमित शिक्षक
नहीं भेजने के आदेश जारी किए, लेकिन कुछ समय बाद इन आदेशों को वापस ले
लिया।
इन आदेशों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने पर एसएमसी शिक्षकों को बर्खास्त करने का उल्लेख नहीं किया गया था। अब सरकार ने नए आदेश जारी किए हैं कि जिस स्कूल में एसएमसी शिक्षक नियुक्त है, वहां अगर नियमित शिक्षक की नियुक्ति होती है तो एसएमसी शिक्षक को बर्खास्त किया जाएगा। पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।
मुख्यमंत्री से अन्य शिक्षकों के वर्गों को दी गई राहत की तर्ज पर एसएमसी शिक्षकों को भी राहत देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार से कई बार इस अधिसूचना को जारी नहीं करने की मांग की गई है लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सरकार की नई अधिसूचना से हजारों एसएमसी शिक्षकों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
इन आदेशों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होने पर एसएमसी शिक्षकों को बर्खास्त करने का उल्लेख नहीं किया गया था। अब सरकार ने नए आदेश जारी किए हैं कि जिस स्कूल में एसएमसी शिक्षक नियुक्त है, वहां अगर नियमित शिक्षक की नियुक्ति होती है तो एसएमसी शिक्षक को बर्खास्त किया जाएगा। पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी।
मुख्यमंत्री से अन्य शिक्षकों के वर्गों को दी गई राहत की तर्ज पर एसएमसी शिक्षकों को भी राहत देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार से कई बार इस अधिसूचना को जारी नहीं करने की मांग की गई है लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सरकार की नई अधिसूचना से हजारों एसएमसी शिक्षकों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।