ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला पत्राचार से बीएड करने के इच्छुक यूजी डिग्री धारक शास्त्री और लैंग्वेज टीचर्स को अब इक्डोल से बीएड कोर्स में प्रवेश नहीं मिल पाएगा, चूंकि वे एनसीटीई के नए नियमों के तहत पात्र ही नहीं हैं। इनमें खास तौर से सामान्य शास्त्री कोर्स भाषा अध्यापक कोर्स कर चुके और सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले अब दूरवर्ती मोड से बीएड की डिग्री नहीं कर पाएंगे।
उनके पास रेगुलर होने के लिए आवश्यक बीएड की शर्त/ पढ़ाई पूरी करने को जो माध्यम था वो भी जाता रहा है। इक्डोल द्वारा प्रदेश शिक्षा विभाग से दूरवर्ती शिक्षा माध्यम से बीएड कोर्स के लिए पात्रता को लेकर मांगी गई जानकारी में साफ लिखा है कि सामान्य शास्त्री डिग्री और एलटी कोर्स धारक ट्रेंड श्रेणी में नहीं आते हैं। जो एनसीटीई के नियमों के तहत अनिवार्य शर्त है।
शास्त्री डिग्री और एलटी डिग्री धारकों का प्रतिनिधिमंडल भी इक्डोल और शिक्षा निदेशालय में कई मर्तबा इस मामले को लेकर मिल चुका है, मगर नियमों के तहत उनके पात्र न होने से उनका डिस्टेंस मोड से बीएड करने का मौका अब नहीं है। इसका असर विवि के इक्डोल की बीएड कोर्स को तय 450 सीटों को भरे जाने पर भी नजर आना तय है।
बीएड के लिए इक्डोल में कुल 450 सीटों में 25-25 सीटें मेडिकल और नॉन मेडिकल की हैं, जबकि शेष आर्ट्स बीएड की हैं। नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजूकेशन के नए नियमों के कारण इक्डोल को इन सीटों तक को भर पाना मुश्किल होगा।
ये हैं एनसीटीई के नय नियम
एनसीटीई के नए डिस्टेंस मोड से बीएड करने के लिए तय नियमों में प्रार्थी रेगुलर मोड से जेबीटी किए हो या फिर ट्रेंड टीचर्स की श्रेणी में आता हो। इसके लिए प्रदेश शिक्षा विभाग की स्थिति साफ करता है कि शिक्षकों की कौन सी श्रेणी ट्रेंड टीचर्स में आती है और दूरवर्ती मोड से बीएड कोर्स के लिए पात्र है।
इक्डोल निदेशक को मिल चुका है जवाब
विवि के इक्डोल निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार वैद्य ने माना कि शिक्षा विभाग से इस संदर्भ में मांगे गए जवाब में साफ किया गया है कि तय आठ श्रेणियों के शिक्षकों के अलावा कोई भी ट्रेंड शिक्षक की क्षेणी में नहीं आता है। पूर्व शास्त्री (ओटी ) इसमें आता था, मगर अब चूंकि सामान्य शास्त्री कोर्स होता है, तो शास्त्री और भाषा अध्यापक भी ट्रेंड टीचर्स में नहीं आते हैं।
बढ़ सकती है आवेदन की तिथि
हालांकि इक्डोल की तय 450 सीटों के लिए तय 15 सितंबर की अंतिम तिथि तक करीब 500 आवेदन आए हैं। अभी काउंसलिंग होनी है, उसमें कुछ ऐसे आवेदन भी होंगे जो पात्रता की शर्त पूरी नहीं करेंगे। इसके बावजूद इक्डोल प्रशासन बीएड कोर्स के लिए आवेदन की तिथि बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
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उनके पास रेगुलर होने के लिए आवश्यक बीएड की शर्त/ पढ़ाई पूरी करने को जो माध्यम था वो भी जाता रहा है। इक्डोल द्वारा प्रदेश शिक्षा विभाग से दूरवर्ती शिक्षा माध्यम से बीएड कोर्स के लिए पात्रता को लेकर मांगी गई जानकारी में साफ लिखा है कि सामान्य शास्त्री डिग्री और एलटी कोर्स धारक ट्रेंड श्रेणी में नहीं आते हैं। जो एनसीटीई के नियमों के तहत अनिवार्य शर्त है।
शास्त्री डिग्री और एलटी डिग्री धारकों का प्रतिनिधिमंडल भी इक्डोल और शिक्षा निदेशालय में कई मर्तबा इस मामले को लेकर मिल चुका है, मगर नियमों के तहत उनके पात्र न होने से उनका डिस्टेंस मोड से बीएड करने का मौका अब नहीं है। इसका असर विवि के इक्डोल की बीएड कोर्स को तय 450 सीटों को भरे जाने पर भी नजर आना तय है।
बीएड के लिए इक्डोल में कुल 450 सीटों में 25-25 सीटें मेडिकल और नॉन मेडिकल की हैं, जबकि शेष आर्ट्स बीएड की हैं। नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजूकेशन के नए नियमों के कारण इक्डोल को इन सीटों तक को भर पाना मुश्किल होगा।
ये हैं एनसीटीई के नय नियम
एनसीटीई के नए डिस्टेंस मोड से बीएड करने के लिए तय नियमों में प्रार्थी रेगुलर मोड से जेबीटी किए हो या फिर ट्रेंड टीचर्स की श्रेणी में आता हो। इसके लिए प्रदेश शिक्षा विभाग की स्थिति साफ करता है कि शिक्षकों की कौन सी श्रेणी ट्रेंड टीचर्स में आती है और दूरवर्ती मोड से बीएड कोर्स के लिए पात्र है।
इक्डोल निदेशक को मिल चुका है जवाब
विवि के इक्डोल निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार वैद्य ने माना कि शिक्षा विभाग से इस संदर्भ में मांगे गए जवाब में साफ किया गया है कि तय आठ श्रेणियों के शिक्षकों के अलावा कोई भी ट्रेंड शिक्षक की क्षेणी में नहीं आता है। पूर्व शास्त्री (ओटी ) इसमें आता था, मगर अब चूंकि सामान्य शास्त्री कोर्स होता है, तो शास्त्री और भाषा अध्यापक भी ट्रेंड टीचर्स में नहीं आते हैं।
बढ़ सकती है आवेदन की तिथि
हालांकि इक्डोल की तय 450 सीटों के लिए तय 15 सितंबर की अंतिम तिथि तक करीब 500 आवेदन आए हैं। अभी काउंसलिंग होनी है, उसमें कुछ ऐसे आवेदन भी होंगे जो पात्रता की शर्त पूरी नहीं करेंगे। इसके बावजूद इक्डोल प्रशासन बीएड कोर्स के लिए आवेदन की तिथि बढ़ाने पर विचार कर रहा है।