जागरण टीम, शिमला/सोलन : हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा
शीतकालीन सत्र वाले स्कूलों में ली जा रही परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई
है।
सोलन समेत कई स्थानों पर परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से प्रश्नपत्र ही कम पहुंचे और मजबूरी में स्कूल प्रबंधन को इन्हें फोटोस्टेट करवाकर बच्चों में वितरित करना पड़ा। ऐसे में न केवल शिक्षा विभाग व बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि प्रश्नपत्र लीक होने की भी आशंका है।
शीतकालीन स्कूलों में सोमवार से वार्षिक परीक्षाएं शुरूहुई। डोडरा क्वार, चुहारा, नेरवा, रोहडू सहित अन्य दुर्गम क्षेत्रों के अधिकांश ब्लॉक में शनिवार देर शाम ही प्रश्नपत्र पहुंचे। सोलन में परीक्षा से आधा घंटा पहले प्रश्नपत्रों का लिफाफा खोला गया तो आठवीं के सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र कम पहुंचे। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के प्रश्नपत्र स्कूलों में कम होने की सूचना है। अब शिक्षा विभाग, शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े संबंधित अधिकारी एक-दूसरे पर नजला गिरा रहे हैं। जिला सोलन में सोमवार से 127 शीतकालीन स्कूलों में आठवीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई। पेपर शुरू होने से लगभग आधा-पौना घंटे पहले जब स्कूल प्रबंधन ने प्रश्नपत्रों के बंडल खोले तो कई स्थानों पर यह कम पाए गए। जिले के दर्जन भर स्कूलों ने फौरन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय में संपर्क किया, जहां से इन्हें प्रश्नपत्र फोटोकॉपी करवाने के निर्देश मिले। नियमों के मुताबिक वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले ही खोले जाने का प्रावधान है और इन्हें पेपर पूरा होने से पहले परीक्षा केंद्र से बाहर नहीं ले जाया जा सकता।
बोर्ड का कहना है कि प्रश्नपत्र कम होने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उनके यहां से डिमांड से दस फीसद अधिक प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं।
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'जिलों से जितनी डिमांड आती है, बोर्ड उससे दस फीसद अधिक प्रश्नपत्र भेजता है। किसी केंद्र से प्रश्नपत्र कम होने की सूचना नहीं है।'
-मेजर विशाल शर्मा, सचिव, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड।
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'प्रश्नपत्र कम होने की सूचना आई है। इसके चलते स्कूलों में फोटो स्टेट करवाकर प्रश्नपत्र वितरित किए गए हैं और परीक्षा को सुचारूरूप से करवाया गया।'
डॉ. चंद्रेश्वर शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक, सोलन।
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'स्कूलों में प्रश्नपत्र मंगवाना और भेजना शिक्षा विभाग व स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य है। कई जगह से कम प्रश्नपत्र आने की सूचना है।'
-तरविंद्र नेगी, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान।
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शीतकालीन स्कूल
प्राइमरी- 3842
अपर प्राइमरी - 1614
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किस कक्षा में कितने विद्यार्थी
कक्षा छात्र
पहली 26525
दूसरी 22525
तीसरी 20825
चौथी 20825
पांचवीं 28000
छठी 23375
सातवीं 25925
आठवीं 32000
सोलन समेत कई स्थानों पर परीक्षा के लिए विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से प्रश्नपत्र ही कम पहुंचे और मजबूरी में स्कूल प्रबंधन को इन्हें फोटोस्टेट करवाकर बच्चों में वितरित करना पड़ा। ऐसे में न केवल शिक्षा विभाग व बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि प्रश्नपत्र लीक होने की भी आशंका है।
शीतकालीन स्कूलों में सोमवार से वार्षिक परीक्षाएं शुरूहुई। डोडरा क्वार, चुहारा, नेरवा, रोहडू सहित अन्य दुर्गम क्षेत्रों के अधिकांश ब्लॉक में शनिवार देर शाम ही प्रश्नपत्र पहुंचे। सोलन में परीक्षा से आधा घंटा पहले प्रश्नपत्रों का लिफाफा खोला गया तो आठवीं के सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र कम पहुंचे। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के प्रश्नपत्र स्कूलों में कम होने की सूचना है। अब शिक्षा विभाग, शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े संबंधित अधिकारी एक-दूसरे पर नजला गिरा रहे हैं। जिला सोलन में सोमवार से 127 शीतकालीन स्कूलों में आठवीं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुई। पेपर शुरू होने से लगभग आधा-पौना घंटे पहले जब स्कूल प्रबंधन ने प्रश्नपत्रों के बंडल खोले तो कई स्थानों पर यह कम पाए गए। जिले के दर्जन भर स्कूलों ने फौरन प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय में संपर्क किया, जहां से इन्हें प्रश्नपत्र फोटोकॉपी करवाने के निर्देश मिले। नियमों के मुताबिक वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्र को परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले ही खोले जाने का प्रावधान है और इन्हें पेपर पूरा होने से पहले परीक्षा केंद्र से बाहर नहीं ले जाया जा सकता।
बोर्ड का कहना है कि प्रश्नपत्र कम होने का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि उनके यहां से डिमांड से दस फीसद अधिक प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं।
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'जिलों से जितनी डिमांड आती है, बोर्ड उससे दस फीसद अधिक प्रश्नपत्र भेजता है। किसी केंद्र से प्रश्नपत्र कम होने की सूचना नहीं है।'
-मेजर विशाल शर्मा, सचिव, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड।
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'प्रश्नपत्र कम होने की सूचना आई है। इसके चलते स्कूलों में फोटो स्टेट करवाकर प्रश्नपत्र वितरित किए गए हैं और परीक्षा को सुचारूरूप से करवाया गया।'
डॉ. चंद्रेश्वर शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक, सोलन।
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'स्कूलों में प्रश्नपत्र मंगवाना और भेजना शिक्षा विभाग व स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य है। कई जगह से कम प्रश्नपत्र आने की सूचना है।'
-तरविंद्र नेगी, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान।
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शीतकालीन स्कूल
प्राइमरी- 3842
अपर प्राइमरी - 1614
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किस कक्षा में कितने विद्यार्थी
कक्षा छात्र
पहली 26525
दूसरी 22525
तीसरी 20825
चौथी 20825
पांचवीं 28000
छठी 23375
सातवीं 25925
आठवीं 32000