मंडी। प्राथमिक शिक्षक संघ सदर-1 ने पैट शिक्षकों को प्रदेशभर में एकमुश्त नियमित करने की मांग उठाई है। प्रदेश में वर्तमान में 3240 पैट शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। यह शिक्षक लगभग डेढ़ दशक से नियमितीकरण की आस लगाए बैठे हैं। संघ ने इन अध्यापकों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी है। संघ कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को विभिन्न मांगें उठाई गईं।
संघ के अध्यक्ष ललित शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में तीन हजार से अधिक पैट शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। पैट अध्यापकों से नियमित अध्यापकों की तर्ज पर शिक्षा विभाग सेवाएं ले रहा है। बावजूद इसके 14 वर्षों से नियमितीकरण की राह देख रहे इन अध्यापकों को नियमित करने के लिए सरकार नीति नहीं बना पाई है। इन्हें नाममात्र वेतन ही दिया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने पैट अध्यापकों का मानदेय बढ़ाया है। इसके लिए संघ के अध्यक्ष ललित शर्मा ने प्रदेश सरकार का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैषी है। पहले जहां इन शिक्षकों को 8900 रुपये मासिक वेतन दिया जाता था। अब प्रदेश सरकार से इसे बढ़ाकर 11 हजार रुपये कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से इन अध्यापकों के लिए स्थायी और ठोस नीति बनाने की मांग की है। वहीं, बीच सत्र में स्कूलों को मर्ज करने का भी संघ ने विरोध जताया है। संघ ने प्रदेश से बीच सत्र में इन स्कूलों को बंद न करने की मांग उठाई है। ताकि, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके अलावा उन्होंने एचटी और सीएचटी की पदोन्नति की मांग भी प्रदेश सरकार के समक्ष रखी है।
इस मौके पर संघ के महासचिव मीरा ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुषमा कपूर, कोषाध्यक्ष दुनीचंद, महालेखाकार भीम सेन, महिला विंग की अध्यक्ष सत्या देवी, उपाध्यक्ष मीनू वैद्य, महासचिव नमिता ठाकुर, प्रवक्ता अरुण कुमार, कानूनी सलाहकार श्याम लाल, उपाध्यक्ष गिरधारी लाल, रतन लाल, नरेश पराशर, दिनेश कुमार, डोले राम दुग्गल, जिला के महालेखाकार लियाकत अली, जिला महिला विंग की अध्यक्ष प्रवीण कोहल, सलाहकार बेली राम भंडारी सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
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संघ के अध्यक्ष ललित शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में तीन हजार से अधिक पैट शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। पैट अध्यापकों से नियमित अध्यापकों की तर्ज पर शिक्षा विभाग सेवाएं ले रहा है। बावजूद इसके 14 वर्षों से नियमितीकरण की राह देख रहे इन अध्यापकों को नियमित करने के लिए सरकार नीति नहीं बना पाई है। इन्हें नाममात्र वेतन ही दिया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश सरकार ने पैट अध्यापकों का मानदेय बढ़ाया है। इसके लिए संघ के अध्यक्ष ललित शर्मा ने प्रदेश सरकार का आभार जताया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी हितैषी है। पहले जहां इन शिक्षकों को 8900 रुपये मासिक वेतन दिया जाता था। अब प्रदेश सरकार से इसे बढ़ाकर 11 हजार रुपये कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार से इन अध्यापकों के लिए स्थायी और ठोस नीति बनाने की मांग की है। वहीं, बीच सत्र में स्कूलों को मर्ज करने का भी संघ ने विरोध जताया है। संघ ने प्रदेश से बीच सत्र में इन स्कूलों को बंद न करने की मांग उठाई है। ताकि, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसके अलावा उन्होंने एचटी और सीएचटी की पदोन्नति की मांग भी प्रदेश सरकार के समक्ष रखी है।
इस मौके पर संघ के महासचिव मीरा ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुषमा कपूर, कोषाध्यक्ष दुनीचंद, महालेखाकार भीम सेन, महिला विंग की अध्यक्ष सत्या देवी, उपाध्यक्ष मीनू वैद्य, महासचिव नमिता ठाकुर, प्रवक्ता अरुण कुमार, कानूनी सलाहकार श्याम लाल, उपाध्यक्ष गिरधारी लाल, रतन लाल, नरेश पराशर, दिनेश कुमार, डोले राम दुग्गल, जिला के महालेखाकार लियाकत अली, जिला महिला विंग की अध्यक्ष प्रवीण कोहल, सलाहकार बेली राम भंडारी सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
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