- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: अब फिटनेस कैलेंडर चुनेगा खेल भविष्य अब फिटनेस कैलेंडर चुनेगा खेल भविष्य

अब फिटनेस कैलेंडर चुनेगा खेल भविष्य

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : स्कूल स्तर पर होने वाली खेलों में कौन सा छात्र किस खेल का प्रतिनिधित्व करेगा, इसका फैसला स्वयं छात्र नहीं ले सकेंगे। इसका निर्णय स्कूलों में बनाया जाने वाला छात्रों का फिटनेस कैलेंडर लेगा। जी हां! अगले साल से प्रदेशभर के सभी स्कूलों में हर छात्र का फिटनेस कैलेंडर बनाया जाएगा और इसमें बच्चे के बजट से लेकर स्वास्थ्य का इंडेक्स होगा।

कैलेंडर में दिखने वाली शारीरिक दक्षता के अनुसार ही छात्र को संबंधित खेलकूद में शामिल किया जाएगा। यह कैलेंडर आम अध्यापक नहीं बनाएंगे, बल्कि इसे बनाने के लिए जिलेभर के 30 से 35 शारीरिक शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही ये शिक्षक फिटनेस कैलेंडर बनाने के साथ-साथ खेल स्पर्धाओं के गुर सीखकर विद्यार्थियों को भी सिखाएंगे। खेलो इंडिया अभियान के तहत हर स्कूल की हर कक्षा के छात्र की बाकायदा शारीरिक दक्षता सारिणी बनाई जाएगी। फिटनेस कैलेंडर के अनुसार, जिस छात्र खिलाड़ी में किसी चीज की कमी है तो सुधार के लिए काम किया जाएगा और उसके बाद उसे खेलने के लिए तैयार किया जाएगा।
.................
एक-एक डीपीई और पीईटी पर खर्च होंगे एक लाख रुपये
हर जिले से 30 से 35 डीपीई और पीईटी का चयन किया जाएगा। चुने हुए शारीरिक शिक्षकों को फिटनेस कैलेंडर बनाने व खेल की बारीकियां सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षक कैंप आयोजित किए जाएंगे। हर शिक्षक पर कम से कम एक लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके लिए अध्यापकों को छात्रों के फिटनेस कैलेंडर बनाकर उस पर काम तो करना ही होगा, बल्कि उन्हें खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण देना होगा।
......................
खेल मैदानों में नहीं होगा निर्माण कार्य
विभिन्न योजनाओं के तहत बनाए गए खेल मैदानों में किसी भी तरह के निर्माण कार्य नहीं होंगे। इसके लिए सभी स्कूलों में खेल मैदानों की पैमाइश की जाएगी और उसके बाद यदि स्कूल प्रशासन कोई नया भवन बनाने की योजना भी बनाता है तो उसे उक्त मैदान से अलग नए भवन का निर्माण करना होगा। अक्सर देखा जाता है स्कूलों के नए भवनों का निर्माण मैदानों के किनारों में कर दिया जाता है, क्योंकि उसमें लागत कम आती है, लेकिन मैदान सिकुड़ जाता है।
.......................
'केंद्र की इस योजना से खिलाड़ियों का हुनर बढ़ेगा और खेलों में केवल वही छात्र भाग ले सकेंगे, जिनमें दक्षता होगी। खेल में सक्षम शिक्षक ही छात्रों को सीखा सकेंगे।'

-संजय शर्मा, जिला खेल अधिकारी, कांगड़ा। 
Previous Post Next Post

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement