- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: 3 साल पहले फर्जी सर्टिफिकेट से ली नौकरी, अब वापस करने होंगे 46 लाख रुपए 3 साल पहले फर्जी सर्टिफिकेट से ली नौकरी, अब वापस करने होंगे 46 लाख रुपए

3 साल पहले फर्जी सर्टिफिकेट से ली नौकरी, अब वापस करने होंगे 46 लाख रुपए

कुल्लू (पाल) :  फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने वाली महिला अध्यापिका पर शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई अमल में लाई गई है। महिला की शिक्षा विभाग द्वारा सेवाएं पूर्ण रूप से समाप्त कर दी गई हैं।
यही नहीं, महिला द्वारा प्राप्त किया गया वेतन जोकि करीब साढ़े 45 लाख रुपए है, उसे ब्याज सहित वापस लौटाना होगा।

फर्जी ओ.बी.सी. प्रमाण पत्र बनाकर पी.ई.टी. की नौकरी हासिल की 
इस मामले में एक पहलू यह भी सामने आया था कि विभागीय जांच के दौरान महिला द्वारा शिक्षा विभाग के आलाधिकारी पर प्रताडि़त करने का भी आरोप लगाया गया था तथा पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी। उक्त मामला अन्य पिछड़ा वर्ग ओ.बी.सी. प्रमाण पत्र को लेकर उस समय सामने आया जब विभाग को शिकायत मिली कि एक महिला द्वारा फर्जी ओ.बी.सी. प्रमाण पत्र बना कर पी.ई.टी. की नौकरी हासिल की गई है। यह प्रमाण पत्र 28 मई, 2002 को एस.डी.एम. गोहर मंडी से बनाया गया था।

वर्ष 2003 से महिला शिक्षक सेवाएं दे रही
इसी प्रमाण पत्र के आधार पर महिला ने वर्ष 2003 में पी.ई.टी. का पद हासिल कर लिया। उस समय से महिला शिक्षक पी.ई.टी. के  पद पर अपनी सेवाएं देती रही। मामला शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक के ध्यान में लाया गया और शिक्षा विभाग द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई। जांच के दौरान महिला शिक्षक ने शिक्षा उपनिदेशक पर प्रताडि़त करने के गंभीर आरोप लगाए और मामला पुलिस तक पहुंच गया लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई जांच चलती रही। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि महिला द्वारा नौकरी हासिल करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग का जो प्रमाण पत्र संलग्न किया गया था, वह फर्जी है।
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