- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: एसएमसी अध्यापकों को बने स्थायी नीति एसएमसी अध्यापकों को बने स्थायी नीति

एसएमसी अध्यापकों को बने स्थायी नीति

 हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सचिव पवन मिश्रा व हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर की अध्यक्षता में सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार एवं शिक्षा सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार से मिला।

पवन मिश्रा और डा. मामराज पुंडीर ने शिक्षा सचिव से 80 हजार शिक्षकों की ज्वलंत मुद्दों और मांगों के बारे चर्चा की। मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि सरकार अध्यापकों की समस्याओं के प्रति गंभीर है। प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने कहा कि पीटीए, पैट की तर्ज पर स्कूलों में 10 वर्षों से कार्य कर रहे एसएमसी अध्यापकों के लिए स्थायी नीति, भाषा अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा दिया जाए।

2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति में पहले की तरह मुख्याध्यापक व प्रवक्ता की पदोन्नति दोनों तरह के ऑप्शन दिए जाएं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नात्तक को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन किया जाए। एक जनवरी, 2004 से पूर्व की पेंशन योजना बहाल की जाए, 2016 के बाद प्राचार्य व मुख्याध्यापक पद की पदोन्नति नियमित की जाए। प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर ने उम्मीद जताई कि जल्द ही हाई पावर कमेटी में उपरोक्त मामलों को सुलझा लिया जाएगा। डा. पुंडीर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों का सबसे बड़ा वर्ग होने के नाते सरकार हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ प्रदेश के शिक्षकों की समस्याओं को हल करने का हरसंभव प्रयास कर रहा है।

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