शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि एस.एम.सी.
शिक्षकों के लिए स्थायी नीति बनाने पर सरकार का कोई विचार नहीं है। अभी
फिलहाल एस.एम.सी. शिक्षकों के लिए कोई नीति नहीं बनेगी। मुख्यमंत्री ने
स्थायी नीति मामले पर शिक्षकों को दो टूक जवाब दिया है।
मुख्यमंत्री के ऐसे जवाब से प्रदेश के 4,000 से ज्यादा एस.एम.सी. शिक्षकों का भविष्य खतरे में है। मुख्यमंत्री ने बीते 3 जनवरी को शिक्षकों के सम्मेलन में उनके लिए स्थायी नीति बनाने की घोषणा की थी। मंगलवार को एस.एम.सी. शिक्षक स्थायी नीति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को यह जवाब दिया है। इस दौरान एस.एम.सी. पीरियड बेस शिक्षक संघ के पदाधिकारी मनोज रौंगटा, कमल जोशी व पवन सहित 200 से अधिक शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
90 प्रतिशत शिक्षक थे सामूहिक अवकाश पर
बता दें कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के 90 प्रतिशत एस.एम.सी. शिक्षक अपनी मांगों को लेक र सामूहिक अवकाश पर थे। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में कक्षाएं नहीं लीं। वहीं 300 से ज्यादा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिमला पहुंचे और सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिले।
मुख्यमंत्री के ऐसे जवाब से प्रदेश के 4,000 से ज्यादा एस.एम.सी. शिक्षकों का भविष्य खतरे में है। मुख्यमंत्री ने बीते 3 जनवरी को शिक्षकों के सम्मेलन में उनके लिए स्थायी नीति बनाने की घोषणा की थी। मंगलवार को एस.एम.सी. शिक्षक स्थायी नीति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिले। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को यह जवाब दिया है। इस दौरान एस.एम.सी. पीरियड बेस शिक्षक संघ के पदाधिकारी मनोज रौंगटा, कमल जोशी व पवन सहित 200 से अधिक शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
90 प्रतिशत शिक्षक थे सामूहिक अवकाश पर
बता दें कि मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के 90 प्रतिशत एस.एम.सी. शिक्षक अपनी मांगों को लेक र सामूहिक अवकाश पर थे। इस दौरान उन्होंने स्कूलों में कक्षाएं नहीं लीं। वहीं 300 से ज्यादा शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिमला पहुंचे और सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिले।