शिमला
शिक्षा विभाग में नियुक्त होने वाले किसी भी कैटागिरी के शिक्षक अब पहली नियुक्ति में हार्ड एरिया में ज्वाइन करेंगे। ये प्रावधान शिक्षा विभाग में बन रही नई तबादला नीति में किया जा रहा है। ये सुझाव भी उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ही सरकार को गया है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की ओर से निर्देश है कि शिक्षकों के लिए एक स्थायी तबादला नीति बनाई जाए, ताकि किसी के साथ भेदभाव न हो और शिक्षा में भी गुणवत्ता आए। इसके बाद शिक्षा सचिव डॉ. अरुण शर्मा विभागीय निदेशकों के साथ मिलकर इस पॉलिसी पर माथापच्ची कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग में तबादला नीति तो पहले से भी है, लेकिन इसके होते हुए भी
बीच सत्र में तबादले होते हैं और ऊंची पहुंच वाले शिक्षक अपनी एडजस्टमेंट
करवा ही लेते हैं। अब शिक्षा मंत्री तबादलों के झंझट से इस पॉलिसी के जरिए
निकलना चाहते हैं। पॉलिसी पर काम कर रही टीम करीब 6 राज्यों के ट्रांसफर
एक्ट और पॉलिसी को स्टडी कर चुकी है।
ज्वाइनिंग टाइम कम होगा और ज्वाइनिंग की इस प्रक्रिया को एसीआर से भी जोड़ा जा सकता है। प्रदेश सरकार ने इसे लेकर कर्नाटक और उतराखंड की ट्रांसफर पॉलिसी की कॉपी को भी स्टडी किया है। कुछ राज्यों में ये सख्त प्रावधान पहले से हैं।
नई पॉलिसी में शिक्षक को तबादले के लिए विकल्प देने की व्यवस्था भी होगी। लेकिन इसके लिए एक निर्धारित कार्यकाल जरूरी होगा। पॉलिसी के लागू होने के बाद एक स्थान या शहर में कई वर्षों से डटे शिक्षक सबसे पहले ट्रांसफर होंगे। पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया से जुड़े अफसर ने बताया कि ड्राफ्ट लगभग तैयार है। इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।
शिक्षा विभाग में नियुक्त होने वाले किसी भी कैटागिरी के शिक्षक अब पहली नियुक्ति में हार्ड एरिया में ज्वाइन करेंगे। ये प्रावधान शिक्षा विभाग में बन रही नई तबादला नीति में किया जा रहा है। ये सुझाव भी उच्च शिक्षा विभाग की ओर से ही सरकार को गया है।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की ओर से निर्देश है कि शिक्षकों के लिए एक स्थायी तबादला नीति बनाई जाए, ताकि किसी के साथ भेदभाव न हो और शिक्षा में भी गुणवत्ता आए। इसके बाद शिक्षा सचिव डॉ. अरुण शर्मा विभागीय निदेशकों के साथ मिलकर इस पॉलिसी पर माथापच्ची कर रहे हैं।
राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चार जोन बनाए गए
अब राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चार जोन बनाए गए हैं। इनमें ट्राइबल एरिया, हार्ड एरिया, रूरल एरिया और अर्बन एरिया जोन होंगे। पहली नियुक्ति के लिए शिक्षकों को हार्ड जोन में जाना तय किया जा रहा है, क्योंकि ट्राइबल में शिक्षकों के इतने पद नहीं हैं कि ट्राइबल को आवश्यक किया जा सके। पॉलिसी के अनुसार तबादला आदेश जारी होने के बाद इनमें मोडिफिकेशन की संभावना नगण्य होगी।ज्वाइनिंग टाइम कम होगा और ज्वाइनिंग की इस प्रक्रिया को एसीआर से भी जोड़ा जा सकता है। प्रदेश सरकार ने इसे लेकर कर्नाटक और उतराखंड की ट्रांसफर पॉलिसी की कॉपी को भी स्टडी किया है। कुछ राज्यों में ये सख्त प्रावधान पहले से हैं।
एक स्थान पर डटे शिक्षक पहले बदले जाएंगे
नई पॉलिसी में शिक्षक को तबादले के लिए विकल्प देने की व्यवस्था भी होगी। लेकिन इसके लिए एक निर्धारित कार्यकाल जरूरी होगा। पॉलिसी के लागू होने के बाद एक स्थान या शहर में कई वर्षों से डटे शिक्षक सबसे पहले ट्रांसफर होंगे। पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया से जुड़े अफसर ने बताया कि ड्राफ्ट लगभग तैयार है। इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।