संवाद सहयोगी, मंडी : जिले के 232 स्कूलों ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005
(आरटीआइ) के तहत विभाग को वर्ष 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट नहीं भेजी है।
विभागीय आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए स्कूल मुखिया रिपोर्ट भेजने में
लापरवाह बने हुए हैं।
शिक्षा विभाग ने एक माह पहले जिले के सभी स्कूलों को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिला के 420 वरिष्ठ व उच्च पाठशालाओं में से केवल 188 स्कूलों की रिपोर्ट पहुंची है। 232 स्कूलों ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी। विभाग ने ऐसे स्कूल मुखिया को अब दो दिनों के भीतर जारी प्रोफार्मा के अनुसार रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी कर दिए है। इसके उपरांत किसी भी स्कूल को मौका नहीं दिया जाएगा। लापरवाही पर आरटीआइ अधिनियम-2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा उपनिदेशक मंडी अशोक शर्मा का कहना है कि जिला के 232 वरिष्ठ व उच्च स्कूल से आरटीआइ-2005 की वार्षिक रिपोर्ट नहीं पहुंची है। स्कूलों के मुखिया दो दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजें। जिन स्कूलों से निर्धारित तिथि तक रिपोर्ट नहीं पहुंचेगी। उन स्कूल मुखिया को डिफाल्टर घोषित करके रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी।
शिक्षा विभाग ने एक माह पहले जिले के सभी स्कूलों को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिला के 420 वरिष्ठ व उच्च पाठशालाओं में से केवल 188 स्कूलों की रिपोर्ट पहुंची है। 232 स्कूलों ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी। विभाग ने ऐसे स्कूल मुखिया को अब दो दिनों के भीतर जारी प्रोफार्मा के अनुसार रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी कर दिए है। इसके उपरांत किसी भी स्कूल को मौका नहीं दिया जाएगा। लापरवाही पर आरटीआइ अधिनियम-2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा उपनिदेशक मंडी अशोक शर्मा का कहना है कि जिला के 232 वरिष्ठ व उच्च स्कूल से आरटीआइ-2005 की वार्षिक रिपोर्ट नहीं पहुंची है। स्कूलों के मुखिया दो दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजें। जिन स्कूलों से निर्धारित तिथि तक रिपोर्ट नहीं पहुंचेगी। उन स्कूल मुखिया को डिफाल्टर घोषित करके रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी।