जागरण संवाददाता, ऊना : सर्वशिक्षा अभियान के तहत एनआरएसटी केंद्र ऊना
में सेवाएं दे रहे शिक्षकों ने सरकार से जेबीटी के समान वेतन व पॉलिसी
बनाने की मांग की है। एनआरएसटी शिक्षकों ने बुधवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
सतपाल सत्ती को मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा।
सत्ती ने मांगों को सरकार के ध्यान में लाने व उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिक्षक रीना, सुषमा, रीता, प्रवीण, रीता, ज्योति, मोनिका, ज्योति, सविता, नीलम, शिभा, राधिका, वंदना, सुनीता, सुषमा, रीता, पूजा रेनू, मीना कुमारी, कोमल, मंजू, वीना, दर्शना ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत 2013 में उनको प्रवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए एनजीओ द्वारा नियुक्त किया गया था।
जिला में अब शिक्षकों की संख्या 15 से बढ़कर 38 हो गई है। इन केंद्रों में पढ़ाने वाले सभी अध्यापक बीएड व एमए बीएड हैं। दो साल बाद इन केंद्रो क कार्य डाईट द्वारा पांच एनजीओ में बांट दिया गया। वर्तमान में इन केंद्रो का कार्य तीन एनजीओ के अधीन है। जिससे जिला में करीब दो हजार बच्चों में ज्ञान बांटा जा रहा है। बच्चों को पाठ्य सामग्री सहित अन्य सामान सरकार की ओर से दिया जाता है। पिछले लंबे समय से यह शिक्षक काम कर रहे हैं लेकिन इनको जेबीटी के समान वेतन नहीं मिल रहा है। इन अध्यापकों को महज पांच हजार वेतन दिया जा रहा है। जबकि चार साल बाद टेट पास अध्यापकों का मानदेय 7500 कर दिया गया जबकि नॉन टेट का वेतन में महज 400 रुपये की बढ़ोतरी की गई है जबकि नियुक्ति के समय टेट की कोई भी शर्त नहीं थी।
सत्ती ने मांगों को सरकार के ध्यान में लाने व उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शिक्षक रीना, सुषमा, रीता, प्रवीण, रीता, ज्योति, मोनिका, ज्योति, सविता, नीलम, शिभा, राधिका, वंदना, सुनीता, सुषमा, रीता, पूजा रेनू, मीना कुमारी, कोमल, मंजू, वीना, दर्शना ने कहा कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत 2013 में उनको प्रवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए एनजीओ द्वारा नियुक्त किया गया था।
जिला में अब शिक्षकों की संख्या 15 से बढ़कर 38 हो गई है। इन केंद्रों में पढ़ाने वाले सभी अध्यापक बीएड व एमए बीएड हैं। दो साल बाद इन केंद्रो क कार्य डाईट द्वारा पांच एनजीओ में बांट दिया गया। वर्तमान में इन केंद्रो का कार्य तीन एनजीओ के अधीन है। जिससे जिला में करीब दो हजार बच्चों में ज्ञान बांटा जा रहा है। बच्चों को पाठ्य सामग्री सहित अन्य सामान सरकार की ओर से दिया जाता है। पिछले लंबे समय से यह शिक्षक काम कर रहे हैं लेकिन इनको जेबीटी के समान वेतन नहीं मिल रहा है। इन अध्यापकों को महज पांच हजार वेतन दिया जा रहा है। जबकि चार साल बाद टेट पास अध्यापकों का मानदेय 7500 कर दिया गया जबकि नॉन टेट का वेतन में महज 400 रुपये की बढ़ोतरी की गई है जबकि नियुक्ति के समय टेट की कोई भी शर्त नहीं थी।