शिमला –प्रदेश में पांचवीं व आठवीं की परीक्षा को बोर्ड
की तरह तो बना दिया, लेकिन स्कूल शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग इस बीच निजी
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को ही भूल गया।
बता दें कि जहां शिक्षा विभाग ने ये आदेश दिए हैं कि सरकारी स्कूल के शिक्षक अपने स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाएं चैक नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरी और निजी स्कूलों को इस तरह का कोई भी नियम नहीं बनाया है। निजी स्कूलों को अभी तक यह नहीं बताया गया है कि पांचवीं और आठवीं के छात्रों की परीक्षाएं वे बोर्ड से तो करवा देंगे, लेकिन उन्हें चैक कौन करेगा। फिलहाल एचपी बोर्ड से एफिलेटिड निजी स्कूल अभी तक खुद ही छात्रों की परीक्षाएं चैक करने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल सवाल यह है कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं व आठवीं के छात्रों के लिए तो नियम बना दिए, लेकिन अगर निजी स्कूल अपने बेहतर रिजल्ट के लिए छात्रों की परीक्षा में चैक करने में कोई कोताही बरतें, तो इस पर कैसे विभाग ध्यान रख पाएगा, यह एक बड़ा सवाल है। बता दें कि प्रदेश में पहली बार सरकार के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग सरकारी व बोर्ड से एफिलेटीड स्कूलों में बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। भले ही स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवा रहा हो, लेकिन इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा चैक करने से बोर्ड की ओर से इनकार किया गया है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया था कि उपनिदेशक अपने लेवल पर एक दूसरे स्कूलों से छात्रों के पेपर चैक करवाएंगे। बता दें कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने नो डिटेंशन पॉलिसी लागू होने के बाद ही अब परीक्षा की सही रूप से तैयारी करवाने के आदेश दिए है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को इस बारे में अभी से ही गंभीर रहते हुए नए लर्निंग आउटकम्स प्लान के तहत छात्रों को पढ़ाने को कहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि छात्रोंं को पांचवी व आठवीं की परीक्षा के लिए ज्यादा समय अब नहीं बचा है। गौर हो कि शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को भी पांचवीं, आठवीं के नए लर्निंग आउटकम्स भेज दिए हैं, वहीं अब इस बार केंद्र के लर्निंग आउटकम्स प्लान से ही प्रश्न पत्र छापे जाएंगे।
बता दें कि जहां शिक्षा विभाग ने ये आदेश दिए हैं कि सरकारी स्कूल के शिक्षक अपने स्कूल में पढ़ने वाले पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षाएं चैक नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरी और निजी स्कूलों को इस तरह का कोई भी नियम नहीं बनाया है। निजी स्कूलों को अभी तक यह नहीं बताया गया है कि पांचवीं और आठवीं के छात्रों की परीक्षाएं वे बोर्ड से तो करवा देंगे, लेकिन उन्हें चैक कौन करेगा। फिलहाल एचपी बोर्ड से एफिलेटिड निजी स्कूल अभी तक खुद ही छात्रों की परीक्षाएं चैक करने की योजना बना रहे हैं। फिलहाल सवाल यह है कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पांचवीं व आठवीं के छात्रों के लिए तो नियम बना दिए, लेकिन अगर निजी स्कूल अपने बेहतर रिजल्ट के लिए छात्रों की परीक्षा में चैक करने में कोई कोताही बरतें, तो इस पर कैसे विभाग ध्यान रख पाएगा, यह एक बड़ा सवाल है। बता दें कि प्रदेश में पहली बार सरकार के आदेशों के बाद शिक्षा विभाग सरकारी व बोर्ड से एफिलेटीड स्कूलों में बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं। भले ही स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवा रहा हो, लेकिन इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा चैक करने से बोर्ड की ओर से इनकार किया गया है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया था कि उपनिदेशक अपने लेवल पर एक दूसरे स्कूलों से छात्रों के पेपर चैक करवाएंगे। बता दें कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने नो डिटेंशन पॉलिसी लागू होने के बाद ही अब परीक्षा की सही रूप से तैयारी करवाने के आदेश दिए है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन को इस बारे में अभी से ही गंभीर रहते हुए नए लर्निंग आउटकम्स प्लान के तहत छात्रों को पढ़ाने को कहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि छात्रोंं को पांचवी व आठवीं की परीक्षा के लिए ज्यादा समय अब नहीं बचा है। गौर हो कि शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को भी पांचवीं, आठवीं के नए लर्निंग आउटकम्स भेज दिए हैं, वहीं अब इस बार केंद्र के लर्निंग आउटकम्स प्लान से ही प्रश्न पत्र छापे जाएंगे।