हमीरपुर। शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेशभर में पहले पायदान पर रहने वाला
हमीरपुर जिला वर्तमान में शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। सवाल उठना लाजिमी
है कि साक्षरता में अव्वल रहने वाले जिले में गुरुओं के बिना विद्यार्थी
कैसे अव्वल होंगे। जिला हमीरपुर के 87 स्कूलों में वर्तमान में एक-एक ही
अध्यापक है। इन सरकारी स्कूलों में सालों से शिक्षकों के पद खाली चल रहे
हैं, लेकिन शिक्षा विभाग इन पदों को अभी तक भर नहीं पाया है। कक्षा एक से
लेकर पांचवीं तक एक ही शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहा है। प्राइमरी स्कूलों में
विद्यार्थियों को निशुल्क दोपहर का भोजन भी प्रदान किया जाता है, जिसके
चलते मिड-डे-मील का सारा रिकॉर्ड तैयार करना, छात्रों को वर्दियां और
पुस्तकें उपलब्ध करवाने का काम भी शिक्षकों के कंधों पर है।
स्कूलों में कम स्टाफ के चलते मौजूदा शिक्षकों को कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। स्कूल प्रबंधन समितियां स्कूल की बैठकों के दौरान खाली पदों को भरने के मुद्दे उठाता रहती हैं, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पद खाली रहने से प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। हालांकि, वर्तमान में कोरोना के चलते ऑफलाइन कक्षाएं बंद हैं, लेकिन कोविड-19 से पूर्व भी जिले में शिक्षकों की कमी रही है। हालात सामान्य होने के बाद क्या खाली पदों को भरा जाएगा, यह देखना रहेगा।
इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर के डिप्टी डीईओ प्रदीप कुमार ने माना कि जिले में 80 से अधिक प्राइमरी स्कूलों में सिंगल टीचर हैं। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा।
बाक्स
ये है ब्लॉक स्तर पर स्कूलों की स्थिति
जिला हमीरपुर में कुल 87 स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षा खंड सुजानपुर में 22 स्कूल ऐसे हैं जहां पर महज एक-एक शिक्षक है। इसी तरह हमीरपुर ब्लॉक में 16 स्कूल, गलोड़ में 12, बिझड़ी में 20, नादौन में 7 और भोरंज में 10 स्कूलों में एक-एक शिक्षक है।
स्कूलों में कम स्टाफ के चलते मौजूदा शिक्षकों को कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। स्कूल प्रबंधन समितियां स्कूल की बैठकों के दौरान खाली पदों को भरने के मुद्दे उठाता रहती हैं, लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की पद खाली रहने से प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं। हालांकि, वर्तमान में कोरोना के चलते ऑफलाइन कक्षाएं बंद हैं, लेकिन कोविड-19 से पूर्व भी जिले में शिक्षकों की कमी रही है। हालात सामान्य होने के बाद क्या खाली पदों को भरा जाएगा, यह देखना रहेगा।
इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर के डिप्टी डीईओ प्रदीप कुमार ने माना कि जिले में 80 से अधिक प्राइमरी स्कूलों में सिंगल टीचर हैं। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा।
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ये है ब्लॉक स्तर पर स्कूलों की स्थिति
जिला हमीरपुर में कुल 87 स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। शिक्षा खंड सुजानपुर में 22 स्कूल ऐसे हैं जहां पर महज एक-एक शिक्षक है। इसी तरह हमीरपुर ब्लॉक में 16 स्कूल, गलोड़ में 12, बिझड़ी में 20, नादौन में 7 और भोरंज में 10 स्कूलों में एक-एक शिक्षक है।