प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से तैनात एसएमसी शिक्षकों की मदद सरकार करना चाहती है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मानसून सत्र के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। रेणुकाजी के
विधायक विनय सिंह के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायलय के 24 – 11- 2020 को दिए गए निर्णय को देखते हुए मामले का परीक्षण किया जा रहा है। वहीं, शिक्षा विभाग कानूनी राय ले रहा है कि किस तरह से एसएमसी शिक्षकों को नियमित किया जा सकता है। इस पर नियमों को देखा जा रहा है। शिक्षा मंत्री के मौजूद न होने की वजह से सुरेश भारद्वाज ने सदन में एसएमसी पर यह बयान दिया। उन्होंने बताया कि 2012 में प्रदेश के जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में पीरियड बेस पर इन शिक्षकों को तैनाती दी गई थी। उसके बाद हर साल 20 व 30 प्रतिशत मानदेय में बढ़ोतरी की गई। अक्तूबर, 2018 में भी एसएमसी के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। इसी तरह 2020 में 20 प्रतिशत और मानदेय बढ़ाया गया।सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 2021-2022 में भी एसएमसी के मानदेय में 800 रुपए की बढ़ोतरी की गई। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार एसएमसी शिक्षकों की मदद करना चाहती है। यही वजह है कि हर रास्ता अख्तियार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियों को जारी रखने के लिए सरकार ने सर्र्वोच्च न्यायलय में एसएलपी दायर की थी। मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की सेवाओं को अभी जारी रखने को कहा है। बता दें कि रेणुका जी के विधायक विनय सिंह ने सवाल किया था। उन्होंने कहा था कि दुर्गम क्षेत्रों में सालों से एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में सरकार को इन शिक्षकों को राहत देनी चाहिए। बीते रविवार को भी एसएमसी शिक्षकों को राहत देने की घोषणा सरकार ने की है। सीएम ने भी कहा है कि एसएमसी के नियमितीकरण को लेकर सरकार जल्द कोई फैसला लेगी। बड़ी बात यह है कि हिमाचल में एसएमसी की भर्ती को अस्थायी माना जाता है। हालांकि जिस समय एसएमसी की भर्तियां स्कूलों में की गई थी, उस समय कोई भी रेगुलर शिक्षक जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में नहीं जाना चाहते थे। यही वजह है कि अब नौ से 10 साल की सेवाओं के बाद ये शिक्षक भी रेगुलर होने की राह देख रहे है। (एचडीएम)
अभी नहीं खुलेगा धर्मशाला का वॉर म्यूजियम
धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया के पूछे गए सवाल पर जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वॉर म्यूजियम के निर्माण पर 10 करोड़ 26 लाख 98 हजार 462 रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने कहा कि अभी इस म्यूजियम का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। वहीं, निदेशक का एक पद भी इस म्यूजियम के लिए स्वीकृत किया गया है, जिसे पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से भरा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस म्यूजियम में वायु सेना से लेकर भारतीय सेनाओं से संबधित कार्यों को दर्शाया जाएगा। इस म्यूजियम का कार्य पूरा होने के बाद पर्यटकों के लिए इसे खोलने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा सदन में जानकारी दी गई कि नाचन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जलजीवन मिशन के तहत 22 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से चार योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं तथा 18 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
2019 के बाद नहीं भरे कला व शारीरिक शिक्षकों के पद
बड़सर के विधायक इंंद्र सिंह लखनपाल के पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि वर्ष 2019 के बाद प्रदेश में कला व शारीरिक अध्यापकों के पद नहीं भरे गए हैं। समीपवर्ती व संगम पाठशाला से इन विषयों के अध्यापकों को कुछ दिनो के लिए प्रतिनियुक्ति के माध्यम से विषय को पढ़ाया जाता है। सदन में जानकारी दी गई कि माध्यमिक पाठशालाओं में आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार 100 या इससे अधिक संख्या वाली पाठशालाओं में ही इनके पद भरने का प्रावधान है, जबकि उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में कोई रोक नहीं है। इन पदों को भरने का मामला विचाराधीन है।
106358.07 मीट्रिक टन बीज बाहरी राज्यों से खरीदा
कर्नल इंद्र सिंह के पूछे गए सवाल पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने जानकारी दी है कि हिमाचल में 2020-21 व 2022 में खरीफ व रबी के 106358.07 मीट्रिक टन बीज बाहरी राज्यों से खरीदे गए। इसमें गेहंू 53707.10 मीट्रिक टन, मक्की 15162.54, चरी 15175.90, मटर 7139.30, जौ 6584.52, बाजरा 4598.27, बरसीम 2124.50, मोटा अनाज 400.80, माश 252.38, मक्कचरी 250.00, चना 195.50, फ्रांसबीन 178.00, राई ग्रास 175.18, भिंडी 116.10, प्याज 65.62, सरसों 51.19, धनिया 46.50, पालक 39.00, बंद गोभी 27.7, मूंग 20.50, मूली 17.26, सोयाबीन 10.85, शलगम 5.64, खीरा 3.08, मेथी 2.71, टमाटर 2.46, अलसी 1.70, बैंगन 1.07, फूलगोभी 0.90, करेला 0.87, गाजर 0.58, शिमला मिर्च का 0.35 मिट्रिक टन बीज बाहरी राज्यों से खरीदा गया। प्रदेश के किसानों को बेहतर क्वालिटी का बीज मुहैया करवाया जाएगा।