शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal) में टेट (TET) के परिणाम को अब ताउम्र मान्य कर दिया गया है। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) की कैबिनेट (Cabinet) की बैठक ने मंगलवार देर शाम इस पर फैसला लिया
है। इस फैसले का लाभ हिमाचल के लाखों अभ्यर्थियों को मिलेगा। बता दें कि इस फैसले से पूर्व टेट पास करने वाला अभ्यर्थी 7 साल तक नौकरी के लिए पात्र होता था। जिसके बाद उसे दोबारा परीक्षा देनी होती थी। मालूम हो कि राज्य और केंद्र अपने-अपने स्तर पर टीईटी की परीक्षा आयोजित करती है। जयराम सरकार के फैसले से शादीशुदा महिलाओं को सबसे अधिक फायदा मिलेगा। टेट परीक्षा को उम्र भर के लिए मान्य करने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीते दिनों सभी राज्यों को लिखित निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने मंगलवार को इसे लागू करने का फैसला लिया है।इसी वर्ष शिक्षक बनने को सभी श्रेणियों को अनिवार्य होगा टेट पास
हिमाचल प्रदेश में शिक्षक बनने के लिए सभी श्रेणियों का टेट पास होना इसी वर्ष से अनिवार्य कर दिया जाएगा। वर्तमान में जेबीटी और टीजीटी के लिए ही शिक्षक पात्रता परीक्षा का पास होना जरूरी है, लेकिन सरकार ने प्रवक्ता, डीपीई सहित कई अन्य श्रेणियों को भी टेट के दायरे में लाने की कवायद तेज कर दी है। राज्य में नई व्यवस्था को लागू करने के लिए शिक्षा विभाग प्रारूप को तैयार कर रहा है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मंजूरी के लिए जयराम कैबिनेट दोबारा बैठेगी। वहीं, सरकार टीईटी के प्रारूप को बदलने पर भी विचार कर रही है। नए प्रस्ताव में टेट के दो परीक्षाएं लिए जाएंगे। पहली परीक्षा में हिमाचल से संबंधित प्रश्न, सामान्य ज्ञान और बीएड की पढ़ाई पर आधारित होगी। दूसरी परीक्षा सिलेबस से संबंधित होगी। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर में की गई विषय वार पढ़ाई को शामिल किया जाएगा।