ब्लॉकस्तर
के 136 सीनियर सेकंडरी स्कूलों में शीघ्र बॉयोमिट्रिक मशीनों से हाजिरी
लगेगी। इसके जरिए विभाग बंक मारने वाले टीचरों और नॉन टीचिंग स्टाफ पर
शिकंजा कसेगा। निदेशालय में बैठे अधिकारियों को इस मशीन से हर रोज पता
जाएगा कि कौन सा टीचर और स्टाफ कितने बजे स्कूल पहुंचा, वहां से गया, कक्षा
में पढ़ाया या नहीं। इससे शिक्षा में गुणवत्ता आएगी।
विभाग ने इसके लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं। छुटिट्यों के बाद स्कूल खुलेंगे तो कई स्कूलों में यह व्यवस्था मिलेगी। यह बात स्थानीय बाल सीनियर सेकंडरी स्कूल में हुए स्काउट एंड गाइड के प्रभारी और स्कूल मुिखयों के लिए हुए कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि डायरेक्ट हायर एजूकेशन दिनकर बुराथोकी ने कही।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के टीचर अनुभवी, ट्रेंड हैं, मगर बंंक मारने वालों की वजह से जो शिक्षा की गुणवत्ता कमी नजर आई है, इस खामी को अब बॉयोमिट्रिक मशीन से दूर करने का बड़ा कदम उठाया जा रहा है। डायरेक्टर ने स्कूलों से आए स्कूल मुखियों और स्काउट एंड गाइड प्रभारियों को कहा कि स्कूल में एक फाेक्स ग्रुप बनाएं, स्टूडेंट्स अलग वर्दी के चाहवान होते हैं। स्काउट एंड गाइड के साथ कब एंड बुलबुल की टीम भी बनाएं। अकादमियों और कोचिंग संस्थानों में फोकस ग्रुप बनाने के प्रयास होते हैं।
विभाग ने भी कभी नहीं कहा ही कि स्कूल में सुधार के लिए कोई कदम उठाओ, यह तो स्कूल मुखिया की जिम्मेदारी होती है कि स्कूल और स्टूडेंट्स हित के लिए वह कितना सुधार करता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स में नौ तरह के गुण पैदा करें। इनमें स्वयंसेवी, अनुशासन, मानव, पर्यावरण और पशु पक्षी मित्र, देश सेवक, साहसी, संस्कारी, समाज को जोड़ने वाला, ईमानदार, अधिकार के साथ कर्तव्य का पालन करने के गुण भरें। इस तरह के सेमीनार हर जिला में लगाए जा रहे हैं।
जिगरके टुकड़े का रखें ख्याल
डायरेक्टरटीचरों से आह्वान किया कि हर पेरेंट्स ने अपने जिगर के टुकड़े से अपनी अंगुली छुड़ाकर उसे स्कूल पहुंचाकर टीचर की अंगुली थमाई होती है। टीचर पर निर्भर करता है कि वह उस जिगर के टुकड़े को कितना तराशते हैं। दोषारोपण लगाने की बजाए अपने तरीके से उसमें गुणवत्ता भरें।
987 स्कूलों में शुरू होगी वोकेशनल शिक्षा
प्रदेशमें 500 की बजाए 987 स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत हो जाएगी। करीब 487 स्कूलों में यह शिक्षा देने की मंजूरी मिल गई है। इनमें भी दो-दो कोर्स शुरू करवाएं जाएंगे। अब साधारण पढ़ाई की बजाए स्टूडेंट्स स्कूलों में तकनीकी शिक्षा की सुविधा भी ले सकेंगे। रोजगार मेले लगाकर अलग ऐसे कोर्स वालों के लिए कंपनियों के सहयोग से रोजगार भी मुहैया करवाया जा रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
विभाग ने इसके लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं। छुटिट्यों के बाद स्कूल खुलेंगे तो कई स्कूलों में यह व्यवस्था मिलेगी। यह बात स्थानीय बाल सीनियर सेकंडरी स्कूल में हुए स्काउट एंड गाइड के प्रभारी और स्कूल मुिखयों के लिए हुए कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि डायरेक्ट हायर एजूकेशन दिनकर बुराथोकी ने कही।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के टीचर अनुभवी, ट्रेंड हैं, मगर बंंक मारने वालों की वजह से जो शिक्षा की गुणवत्ता कमी नजर आई है, इस खामी को अब बॉयोमिट्रिक मशीन से दूर करने का बड़ा कदम उठाया जा रहा है। डायरेक्टर ने स्कूलों से आए स्कूल मुखियों और स्काउट एंड गाइड प्रभारियों को कहा कि स्कूल में एक फाेक्स ग्रुप बनाएं, स्टूडेंट्स अलग वर्दी के चाहवान होते हैं। स्काउट एंड गाइड के साथ कब एंड बुलबुल की टीम भी बनाएं। अकादमियों और कोचिंग संस्थानों में फोकस ग्रुप बनाने के प्रयास होते हैं।
विभाग ने भी कभी नहीं कहा ही कि स्कूल में सुधार के लिए कोई कदम उठाओ, यह तो स्कूल मुखिया की जिम्मेदारी होती है कि स्कूल और स्टूडेंट्स हित के लिए वह कितना सुधार करता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स में नौ तरह के गुण पैदा करें। इनमें स्वयंसेवी, अनुशासन, मानव, पर्यावरण और पशु पक्षी मित्र, देश सेवक, साहसी, संस्कारी, समाज को जोड़ने वाला, ईमानदार, अधिकार के साथ कर्तव्य का पालन करने के गुण भरें। इस तरह के सेमीनार हर जिला में लगाए जा रहे हैं।
जिगरके टुकड़े का रखें ख्याल
डायरेक्टरटीचरों से आह्वान किया कि हर पेरेंट्स ने अपने जिगर के टुकड़े से अपनी अंगुली छुड़ाकर उसे स्कूल पहुंचाकर टीचर की अंगुली थमाई होती है। टीचर पर निर्भर करता है कि वह उस जिगर के टुकड़े को कितना तराशते हैं। दोषारोपण लगाने की बजाए अपने तरीके से उसमें गुणवत्ता भरें।
987 स्कूलों में शुरू होगी वोकेशनल शिक्षा
प्रदेशमें 500 की बजाए 987 स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा की शुरुआत हो जाएगी। करीब 487 स्कूलों में यह शिक्षा देने की मंजूरी मिल गई है। इनमें भी दो-दो कोर्स शुरू करवाएं जाएंगे। अब साधारण पढ़ाई की बजाए स्टूडेंट्स स्कूलों में तकनीकी शिक्षा की सुविधा भी ले सकेंगे। रोजगार मेले लगाकर अलग ऐसे कोर्स वालों के लिए कंपनियों के सहयोग से रोजगार भी मुहैया करवाया जा रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC