राज्यकेसरकारी स्कूलों में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षक और प्रिंसिपल अब बुरे फंसेंगे। शिक्षा विभाग ने खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग ने सभी स्कूल प्रिंसिपल को परफार्मा भेजा गया है। इसमें 8 बिंदुओं पर स्कूलों से रिकार्ड मंगवाया गया है। इनमें छह प्वाइंट रिजल्ट से संबंधित ही है।
9 जून को अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ये निर्णय लिया गया था। इस बैठक में ये नियम तय कर दिए गए थे। स्कूलों से जवाब आने के बाद विभाग इसका खाका तैयार करेगा। निदेशालय स्तर पर इसे टीचरों के रिकाॅर्ड से मैच किया जाएगा। उसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पत्रमें क्या कहा : एसीएसशिक्षा की ओर से शिक्षा निदेशालय को भेजे पत्र में कहा गया है कि जिन सरकारी स्कूलों में पिछले साल शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए थे और फील गैप मैनेजमेंट के तहत वहां पर टीचर उपलब्ध नहीं करवाया जा सका वहां पर प्राथमिक्ता के आधार पर खाली पड़े पदों को भरा जाए। सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशक अपने जिलों में कम से कम दस ऐसे स्कूल चिन्हित करेंगे जहां इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद खराब है। यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत सुधारी जाएगी। शिक्षा विभाग ने पहली बार इस तरह की सख्त कार्रवाई का फैसला सुनाया है। इससे पहले खराब रिजल्ट पर तो टीचरों की ट्रांसफर होती थी और ही उन की इंक्रीमेंट रोकी जाती थी। राजकीय अध्यापक संघ ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव संजय कपूर, वित्त सचिव अरूण गुलेरिया, कैलाश ठाकुर, सरोज मेहता, अजीत चौहान, केसी शर्मा, दलेर जम्वाल, सूरत महाजन, विजय गोस्वामी, नागेश्वर पठानिया, महावीर कैंथला आिद नेे कहा कि विभाग इस गुपचुप तरीके से 10वीं 12वीं की परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों प्रिंसिपलों पर कार्रवाई संबंधी रूप रेखा की कड़ी आलोचना करता है।
{जिनके विषय का रिजल्ट 30 फीसदी से कम रहा है उन्हें सरकार जिला से बाहर ट्रांसफर करेगी और वार्निंग भी जारी की जाएगी।
{ सीसीएस रूल-16 के तहत इन्हें जार्चशीट किया जा सकता है।
{ ऐसे स्कूल प्रिंसिपल के नाम वार्निंग इशू होगी, जिनके स्कूलों का रिजल्ट 30 से 40 : के बीच है।
}जिन शिक्षकों और प्रिंसिपलों का पिछले तीन साल का औसत रिजल्ट 40 फीसदी से कम रहा है, वे सस्पेंड किए जाएंगे
{वे सभी शिक्षक और प्रिंसिपल जिनका 2016 का रिजल्ट जीरो रहा है, भी सस्पेंड चार्जशीट होंगे।
{उन सभी शिक्षकों प्रिंसिपलों को अपने पिछले 10 साल के रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत पेशी के लिए आना होगा, जिनके विषयों या स्कूलों का रिजल्ट 10 फीसदी से कम है। पेशी टीजीटी और सीएंडवी की एलिमेंटरी शिक्षा निदेशक, लेक्चरर और पीजीटी की उच्च शिक्षा निदेशक और प्रिंसिपलों की अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा के पास होगी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
9 जून को अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा पीसी धीमान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ये निर्णय लिया गया था। इस बैठक में ये नियम तय कर दिए गए थे। स्कूलों से जवाब आने के बाद विभाग इसका खाका तैयार करेगा। निदेशालय स्तर पर इसे टीचरों के रिकाॅर्ड से मैच किया जाएगा। उसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पत्रमें क्या कहा : एसीएसशिक्षा की ओर से शिक्षा निदेशालय को भेजे पत्र में कहा गया है कि जिन सरकारी स्कूलों में पिछले साल शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए थे और फील गैप मैनेजमेंट के तहत वहां पर टीचर उपलब्ध नहीं करवाया जा सका वहां पर प्राथमिक्ता के आधार पर खाली पड़े पदों को भरा जाए। सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशक अपने जिलों में कम से कम दस ऐसे स्कूल चिन्हित करेंगे जहां इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद खराब है। यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत सुधारी जाएगी। शिक्षा विभाग ने पहली बार इस तरह की सख्त कार्रवाई का फैसला सुनाया है। इससे पहले खराब रिजल्ट पर तो टीचरों की ट्रांसफर होती थी और ही उन की इंक्रीमेंट रोकी जाती थी। राजकीय अध्यापक संघ ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव संजय कपूर, वित्त सचिव अरूण गुलेरिया, कैलाश ठाकुर, सरोज मेहता, अजीत चौहान, केसी शर्मा, दलेर जम्वाल, सूरत महाजन, विजय गोस्वामी, नागेश्वर पठानिया, महावीर कैंथला आिद नेे कहा कि विभाग इस गुपचुप तरीके से 10वीं 12वीं की परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों प्रिंसिपलों पर कार्रवाई संबंधी रूप रेखा की कड़ी आलोचना करता है।
{जिनके विषय का रिजल्ट 30 फीसदी से कम रहा है उन्हें सरकार जिला से बाहर ट्रांसफर करेगी और वार्निंग भी जारी की जाएगी।
{ सीसीएस रूल-16 के तहत इन्हें जार्चशीट किया जा सकता है।
{ ऐसे स्कूल प्रिंसिपल के नाम वार्निंग इशू होगी, जिनके स्कूलों का रिजल्ट 30 से 40 : के बीच है।
}जिन शिक्षकों और प्रिंसिपलों का पिछले तीन साल का औसत रिजल्ट 40 फीसदी से कम रहा है, वे सस्पेंड किए जाएंगे
{वे सभी शिक्षक और प्रिंसिपल जिनका 2016 का रिजल्ट जीरो रहा है, भी सस्पेंड चार्जशीट होंगे।
{उन सभी शिक्षकों प्रिंसिपलों को अपने पिछले 10 साल के रिकॉर्ड के साथ व्यक्तिगत पेशी के लिए आना होगा, जिनके विषयों या स्कूलों का रिजल्ट 10 फीसदी से कम है। पेशी टीजीटी और सीएंडवी की एलिमेंटरी शिक्षा निदेशक, लेक्चरर और पीजीटी की उच्च शिक्षा निदेशक और प्रिंसिपलों की अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा के पास होगी।
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