हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने
शिक्षा विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षकों के शोषण पर गहरा रोष प्रकट
किया है। इस संदर्भ में संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं प्रधान जिला
हमीरपुर केवल ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष यशवीर जम्वाल व संघ के मुख्य संरक्षक
जोगराज डोगरा ने प्रैस बयान में कहा कि पिछले 16 वर्षों (2001) से
कंपनियां इन शिक्षकों का शोषण करके अपने खजाने भर रही हैं।
अब जब ये शिक्षक इस शोषण के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं तो सरकार इनकी मांगों को अनसुना कर रही है। पिछले 35 दिनों से ये 1441 शिक्षक सड़कों पर हैं तथा स्कूलों में (कम्प्यूटर शिक्षा) पिछले 35 दिनों में कोई कक्षा नहीं लगी है। ये कम्प्यूटर शिक्षक अब आमरण अनशन की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले क्रमिक भूख हड़ताल करते हुए इन्हें 35 दिन हो चुके हैं। 3 अगस्त को ये अध्यापक सचिवालय में धरना भी दे चुके हैं, जिसमें 1100 शिक्षकों ने भाग लिया था।
पदोन्नत प्रवक्ता संघ के नेताओं संयुक्त वित्त सचिव हरिमन शर्मा, रविदास, राजकुमार शर्मा, विनोद, अरविंद व अजय नंदा का कहना है कि जब कंपनी पिछले 16 वर्षों से इन अध्यापकों को वेतन देने के बाद लाभ कमा रही है तो क्यों न विभाग इन्हें अपने अधीन करके लाभ कमाए।
संघ का यह भी कहना है कि आज तक शिक्षा विभाग में जब भी कर्मचारियों की अस्थायी तौर पर नियुक्ति हुई है, उन्हें सरकार ने नियमों में छूट प्रदान करते हुए शिक्षा विभाग में समायोजित करके नियमित किया है और लाभ पहुंचाया है और ऐसे कर्मचारियों के हितों की खातिर स्वयं सरकार सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ी है।
ऐसे में इन कम्प्यूटर अध्यापकों से ही भेदभाव क्यों, जो पिछले 15 वर्षों से विभाग को सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से अधिकतम महिला शिक्षक हैं व अब इन अध्यापकों की आयु 45 वर्ष को पार कर चुकी है। संघ ने सरकार से मांग की है कि छात्र हित में इन कम्प्यूटर अध्यापकों को भी शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए ताकि स्कूलों में अध्यापन कार्य सुचारु रूप से चल सके।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अब जब ये शिक्षक इस शोषण के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं तो सरकार इनकी मांगों को अनसुना कर रही है। पिछले 35 दिनों से ये 1441 शिक्षक सड़कों पर हैं तथा स्कूलों में (कम्प्यूटर शिक्षा) पिछले 35 दिनों में कोई कक्षा नहीं लगी है। ये कम्प्यूटर शिक्षक अब आमरण अनशन की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले क्रमिक भूख हड़ताल करते हुए इन्हें 35 दिन हो चुके हैं। 3 अगस्त को ये अध्यापक सचिवालय में धरना भी दे चुके हैं, जिसमें 1100 शिक्षकों ने भाग लिया था।
पदोन्नत प्रवक्ता संघ के नेताओं संयुक्त वित्त सचिव हरिमन शर्मा, रविदास, राजकुमार शर्मा, विनोद, अरविंद व अजय नंदा का कहना है कि जब कंपनी पिछले 16 वर्षों से इन अध्यापकों को वेतन देने के बाद लाभ कमा रही है तो क्यों न विभाग इन्हें अपने अधीन करके लाभ कमाए।
संघ का यह भी कहना है कि आज तक शिक्षा विभाग में जब भी कर्मचारियों की अस्थायी तौर पर नियुक्ति हुई है, उन्हें सरकार ने नियमों में छूट प्रदान करते हुए शिक्षा विभाग में समायोजित करके नियमित किया है और लाभ पहुंचाया है और ऐसे कर्मचारियों के हितों की खातिर स्वयं सरकार सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ी है।
ऐसे में इन कम्प्यूटर अध्यापकों से ही भेदभाव क्यों, जो पिछले 15 वर्षों से विभाग को सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से अधिकतम महिला शिक्षक हैं व अब इन अध्यापकों की आयु 45 वर्ष को पार कर चुकी है। संघ ने सरकार से मांग की है कि छात्र हित में इन कम्प्यूटर अध्यापकों को भी शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए ताकि स्कूलों में अध्यापन कार्य सुचारु रूप से चल सके।
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