एचपीयू में सोमवार को
सरकारी और विवि से संबद्ध निजी बीएड कॉलेजों की काउंसलिंग का अंतिम मौका
था। सुबह से देर शाम तक काउंसलिंग प्रक्रिया जारी रही। विवि के शिक्षा
विभाग की सभी सौ सीटें (मेडिकल की 50, नॉन मेडिकल की 30, आर्ट्स की 15 और
कॉमर्स की सभी 5 सीटें) भर गई हैं।
धर्मशाला स्थित बीएड संस्थान की भी सभी (मेडिकल
की 50, नॉन मेडिकल की 100, आर्ट्स और कामर्स की 100) सीटें भी मेरिट और तय
कोटा रोस्टर से भर ली हैं। खबर लिखे जाने तक निजी बीएड कॉलेजों की 7300 में
से करीब 3200 ही सीटें भरी गई थीं।
बीएड काउंसलिंग कमेटी की कोआर्डिनेटर और विवि शिक्षा विभाग की चेयरमैन प्रो. सुदर्शना राणा ने माना कि दोनों सरकारी बीएड संस्थानों की सीटें भर गई हैं। विवि से संबद्ध 72 कॉलेजों की करीब आधी सीटें ही भरी हैं।
सोमवार को कॉमर्स, कला संकाय और मेडिकल-नॉन मेडिकल की सीटों के लिए सामान्य वर्ग में प्रवेश परीक्षा में 53 अंक और आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के 45 फीसदी या इससे अधिक अंक वाले छात्रों की काउंसलिंग थी।
अब निजी कॉलेजों की सीटें भरेंगी या खाली रहेंगी, यह सरकार पर निर्भर करेगा। यदि सरकार प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 53 और आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए 45 फीसदी से कम और प्रवेश परीक्षा में अपीयर छात्रों को विशेष अनुमति देती है तो ही ये सीटें भरी जा सकेंगी।
पिछले सत्र में भी सरकार ने दी थी अनुमति
पिछले वर्ष भी बीएड के दो वर्षीय कोर्स होने पर खाली रही सीटों को देखते हुए सरकार ने प्रवेश परीक्षा में सिर्फ अपीयर हुए और बाद में स्नातक छात्रों तक को प्रवेश को अनुमति दी थी।
बीएड काउंसलिंग कमेटी की कोआर्डिनेटर और विवि शिक्षा विभाग की चेयरमैन प्रो. सुदर्शना राणा ने माना कि दोनों सरकारी बीएड संस्थानों की सीटें भर गई हैं। विवि से संबद्ध 72 कॉलेजों की करीब आधी सीटें ही भरी हैं।
सोमवार को कॉमर्स, कला संकाय और मेडिकल-नॉन मेडिकल की सीटों के लिए सामान्य वर्ग में प्रवेश परीक्षा में 53 अंक और आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी के 45 फीसदी या इससे अधिक अंक वाले छात्रों की काउंसलिंग थी।
अब निजी कॉलेजों की सीटें भरेंगी या खाली रहेंगी, यह सरकार पर निर्भर करेगा। यदि सरकार प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 53 और आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए 45 फीसदी से कम और प्रवेश परीक्षा में अपीयर छात्रों को विशेष अनुमति देती है तो ही ये सीटें भरी जा सकेंगी।
पिछले सत्र में भी सरकार ने दी थी अनुमति
पिछले वर्ष भी बीएड के दो वर्षीय कोर्स होने पर खाली रही सीटों को देखते हुए सरकार ने प्रवेश परीक्षा में सिर्फ अपीयर हुए और बाद में स्नातक छात्रों तक को प्रवेश को अनुमति दी थी।