संवाद सहयोगी, टाहलीवाल : रविवार को जिला ऊना के एसएमसी अध्यापक उद्योग
मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से हरोली विश्राम गृह में मिले। उन्होंने मांगों
के समर्थन में ज्ञापन सौंपा।
एसएमसी शिक्षकों ने बताया कि वे स्कूलों में नियमित सेवाएं दे रहे हैं। महंगाई के दौर में भी मात्र 3500 से 6000 रुपये तक का ही मासिक वेतन दिया जा रहा है। इसमें पीजीटी और टीजीटी को 6000 रुपये, सीएंडवी को 4500 रुपये और जेबीटी को 3500 रुपये वेतन मिल रहा है। यह वेतन आज की दैनिक मजदूरी से भी बहुत कम है जिससे परिवार का खर्चा चलाना बहुत मुश्किल है। इसलिए उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए। इसके अतिरिक्त एसएमसी शिक्षकों को राजकीय अवकाश व महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश से भी वंचित रखा जा रहा है। क्लॉज नंबर- 9 के लगे होने के कारण एसएमसी शिक्षकों को हर समय नौकरी जाने का डर लगा रहता है। क्योंकि अगर कोई रेगुलर या ट्रांसफर शिक्षक नियुक्त होता है, तो एसएमसी शिक्षक को अपना पद छोड़ना होगा। इस समय 4500 से अधिक एसएमसी शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। एसएमसी शिक्षकों को दूसरे शिक्षकों के मुकाबले 90 फीसदी वेतन देने, क्लॉज नंबर-9 को हटाने और एसएमसी शिक्षकों के लिए एक स्थायी नीति बनाने व अनुबंध में लाने की मांग की। क्योंकि एसएमसी अध्यापक आरएंडपी नियम के तहत सभी योग्यताएं पूर्ण करते हैं। इस मौके पर एसएमसी शिक्षकों में सीमा पाठक, शिवानी, पूनम कुमारी, अनीता देवी, रेणु कुमारी, गुरप्रीत कौर, नेहा मेहता, निशा कुमारी, मोनिका, कंचन कुमारी, जसवीर कौर, बिंदु वाला, अनीता कुमारी, रजनी, अभिलाशा, नवदीप कुमार, पंकज कुमार, सुलिंद्र कुमार, अभिषेक जसल, चंद्र मोहन, सतीश कुमार, संजीव कुमार, संजय कुमार व अन्य एसएमसी शिक्षक मौजूद थे।
एसएमसी शिक्षकों ने बताया कि वे स्कूलों में नियमित सेवाएं दे रहे हैं। महंगाई के दौर में भी मात्र 3500 से 6000 रुपये तक का ही मासिक वेतन दिया जा रहा है। इसमें पीजीटी और टीजीटी को 6000 रुपये, सीएंडवी को 4500 रुपये और जेबीटी को 3500 रुपये वेतन मिल रहा है। यह वेतन आज की दैनिक मजदूरी से भी बहुत कम है जिससे परिवार का खर्चा चलाना बहुत मुश्किल है। इसलिए उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए। इसके अतिरिक्त एसएमसी शिक्षकों को राजकीय अवकाश व महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश से भी वंचित रखा जा रहा है। क्लॉज नंबर- 9 के लगे होने के कारण एसएमसी शिक्षकों को हर समय नौकरी जाने का डर लगा रहता है। क्योंकि अगर कोई रेगुलर या ट्रांसफर शिक्षक नियुक्त होता है, तो एसएमसी शिक्षक को अपना पद छोड़ना होगा। इस समय 4500 से अधिक एसएमसी शिक्षक दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। एसएमसी शिक्षकों को दूसरे शिक्षकों के मुकाबले 90 फीसदी वेतन देने, क्लॉज नंबर-9 को हटाने और एसएमसी शिक्षकों के लिए एक स्थायी नीति बनाने व अनुबंध में लाने की मांग की। क्योंकि एसएमसी अध्यापक आरएंडपी नियम के तहत सभी योग्यताएं पूर्ण करते हैं। इस मौके पर एसएमसी शिक्षकों में सीमा पाठक, शिवानी, पूनम कुमारी, अनीता देवी, रेणु कुमारी, गुरप्रीत कौर, नेहा मेहता, निशा कुमारी, मोनिका, कंचन कुमारी, जसवीर कौर, बिंदु वाला, अनीता कुमारी, रजनी, अभिलाशा, नवदीप कुमार, पंकज कुमार, सुलिंद्र कुमार, अभिषेक जसल, चंद्र मोहन, सतीश कुमार, संजीव कुमार, संजय कुमार व अन्य एसएमसी शिक्षक मौजूद थे।