शिमला.राज्य
के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए बॉयोमीट्रिक मशीनें
लगाने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षकों के विरोध के चलते पिछले काफी समय
से ये मामला ठंडे बस्ते में था। शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू
कर दी है। राज्य के 1719 वरिष्ठ माध्यमिक और 929 उच्च पाठशालाएं हैं। आगे स्कूल में गैरहाजिर होना टीचर्स के लिए होगा मुश्किल...
मशीनों
के लिए 18 अप्रैल को टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना है।
बॉयोमीट्रिक मशीनें लग जाने के बाद शिक्षा विभाग के पास हाजिरी का पूरा
रिकार्ड मौजूद रहेगा। मशीनें लग जाने के बाद शिक्षकों को सुबह और शाम के
समय हाजिरी लगानी पड़ेगी। दो के बजाय तीन बार भी हाजिरी लगाने का प्रावधान
हो सकता है। मॉनीटरिंग के दौरान लगा कि शिक्षक समय के पाबंद नहीं हुए हैं
तो सुबह व शाम के अंतराल के बीच भी हाजिरी लगानी पड़ सकती है। इसलिए लिया
फैसला शिक्षा विभाग ने स्कूलों का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण
के दौरान कई तरह की खामियां सामने आई। कई स्कूलों में टीचर ड्यूटी पर
मौजूद ही नहीं पाए गए। इसके चलते शिक्षा विभाग ने टीचरों के विरोध के
बावजूद बॉयोमीट्रिक मशीनें लगाने का निर्णय लिया। अधिकांश स्कूलों में देखा
गया है कि शिक्षक व अन्य स्टाफ रजिस्टर पर रोजाना हाजिरी नहीं भरते हैं।
अभी तक 300 स्कूलों में लग पाई है मशीनेंं
पिछले
तीन सालों से शिक्षा विभाग स्कूलों में मशीनें लगाने की तैयारी कर रहा है।
अभी तक महज 300 स्कूलों में ही मशीने लगाई जा सकी हैं। शिक्षक वर्ग
बॉयाेमीट्रिक मशीनें लगाने का बड़ा विरोध कर रहे थे जिसके चलते इन्हें नहीं
लगाया जा सका था। अब विभाग का दावा है कि सभी स्कूलों को इसमें कवर कर
लिया जाएगा।