मणिकुमार सरोआ, ऊना प्रदेश सरकार स्कूलों को तो अपग्रेड कर रही है, लेकिन यहां शिक्षकों की
तैनाती नहीं की जा रही है। ऐसा ही हाल राजकीय उच्च विद्यालय सूहीं का है।
इस विद्यालय को प्रदेश सरकार ने माध्यमिक से उच्च तो कर दिया है, लेकिन अभी
तक नवमीं व दसवीं कक्षा के लिए कोई भी शिक्षक तैनात नहीं किया है।
स्कूल को जब अपग्रेड किया गया था, उस समय भी पर्याप्त अध्यापक स्कूल में नहीं थे। विद्यालय के अपग्रेड होने के बाद पिछले सत्र में पहली बार जब विद्यार्थियों ने नवमीं कक्षा में बैठने के लिए दाखिला लिया था तो उन्हें तीन माह तक पढ़ाने के लिए कोई भी अध्यापक नहीं आया, हालांकि जो शास्त्री व साइंस अध्यापक स्कूल में पहले से थे उन्होंने अपने विषय की पढ़ाई शुरू कर दी थी। इसके बाद विद्यार्थियों ने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया था।
सूहीं विद्यालय में मुख्याध्यापक का पद भरा गया है। इसके साथ वर्तमान समय में सिर्फ साइंस व शास्त्री और पीटीई अध्यापक ही सेवाएं दे रहे हैं। अन्य सभी विषयों के अध्यापकों के पद खाली हैं।
विद्यार्थियों के अभिभावकों में सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष पनप रहा है। वहीं, कई लोगों ने अपने बच्चों को इस विद्यालय से निकालकर अन्य स्कूलों में दाखिल करवा दिया है। इस समय विद्यालय में सिर्फ 25 विद्यार्थी हैं। पिछले सत्र में भी कई विद्यार्थियों ने स्कूल छोड़ दिया था।
सुधार के लिए भवन नहीं, अध्यापक चाहिए : कपिल
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए सरकार व शिक्षा विभाग अध्यापकों की कमी को दूर करें, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार अध्यापकों से ही होगा, न की बड़े-बड़े भवनों से। अध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि सभी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा किया जाए।
-कपिल पावला, मुख्य सलाहकार राजकीय अध्यापक संघ।
शिक्षा निदेशालय को सौंपी है रिपोर्ट : भूप सिंह
शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते निदेशालय को रिपोर्ट सौंप दी है। जल्द ही विद्यालय में अध्यापकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा।
-भूप सिंह, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ऊना।
स्कूल को जब अपग्रेड किया गया था, उस समय भी पर्याप्त अध्यापक स्कूल में नहीं थे। विद्यालय के अपग्रेड होने के बाद पिछले सत्र में पहली बार जब विद्यार्थियों ने नवमीं कक्षा में बैठने के लिए दाखिला लिया था तो उन्हें तीन माह तक पढ़ाने के लिए कोई भी अध्यापक नहीं आया, हालांकि जो शास्त्री व साइंस अध्यापक स्कूल में पहले से थे उन्होंने अपने विषय की पढ़ाई शुरू कर दी थी। इसके बाद विद्यार्थियों ने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया था।
सूहीं विद्यालय में मुख्याध्यापक का पद भरा गया है। इसके साथ वर्तमान समय में सिर्फ साइंस व शास्त्री और पीटीई अध्यापक ही सेवाएं दे रहे हैं। अन्य सभी विषयों के अध्यापकों के पद खाली हैं।
विद्यार्थियों के अभिभावकों में सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष पनप रहा है। वहीं, कई लोगों ने अपने बच्चों को इस विद्यालय से निकालकर अन्य स्कूलों में दाखिल करवा दिया है। इस समय विद्यालय में सिर्फ 25 विद्यार्थी हैं। पिछले सत्र में भी कई विद्यार्थियों ने स्कूल छोड़ दिया था।
सुधार के लिए भवन नहीं, अध्यापक चाहिए : कपिल
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा करने के लिए सरकार व शिक्षा विभाग अध्यापकों की कमी को दूर करें, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार अध्यापकों से ही होगा, न की बड़े-बड़े भवनों से। अध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि सभी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा किया जाए।
-कपिल पावला, मुख्य सलाहकार राजकीय अध्यापक संघ।
शिक्षा निदेशालय को सौंपी है रिपोर्ट : भूप सिंह
शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते निदेशालय को रिपोर्ट सौंप दी है। जल्द ही विद्यालय में अध्यापकों की कमी को पूरा कर दिया जाएगा।
-भूप सिंह, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ऊना।