शिमला: पैट शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह 21,500 फिक्स करने
पर शिक्षक बिफर गए हैं। अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक महासंघ व प्रदेश पैट
शिक्षकों ने इसे प्रदेश सरकार के आलाधिकारियों की साजिश करार दिया है।
शिक्षकों का कहना है कि जब सरकार ने कैबिनेट की बैठक में पैट शिक्षकों को
रैगुलर पे स्केल पर लाने का फैसला लिया था तो शिक्षकों को पुरानी पे स्केल
क्यों दी गई।
नए वेतनमान के तहत शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह 30,000 रुपए से कहीं अधिक होना चाहिए था लेकिन अफसरशाही ने इसे महज 21,500 पर ही फिक्स कर दिया। शिक्षकों को कोई भत्ते नहीं दिए जाएंगे और न ही समय-समय पर इनके वेतन में बढ़ौतरी होगी।
मुख्यमंत्री से मिलेगा पैट शिक्षक संघ
प्रदेश पैट शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह हिमराल व महासचिव आत्मा राम का कहना है कि इस मामले पर संघ जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिलेगा और उन्हें इस दौरान इससे अवगत करवाया जाएगा। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मामले पर मुख्यमंत्री को गुमराह किया है। सरकार ने शिक्षकों को रैगुलर स्केल पर लाने का फैसला लिया था न कि उन्हें जे.बी.टी. का पुराना वेतन देने का। संघ के पदाधिकारी जल्द ही मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे।
सरकार पुन: करे फैसले पर विचार
पैट शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से इस फैसले पर पुन: विचार करने को कहा है और जे.बी.टी. शिक्षकों की तर्ज पर पैट शिक्षकों को नया वेतनमान देने की मांग सरकार से की है। अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक महासंघ के राष्ट्रीय प्रैस सचिव चंदन नेगी का कहना है कि 14 साल की नियमित सेवाओं के बाद 3406 पैट अध्यापकों को नियमित किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि वर्ष 2016 के बजट में प्रदेश सरकार ने सभी पैट अध्यापकों को आर.टी.ई. नियमों को पूरा करने पर नियमित करने का प्रावधान किया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पैट अध्यापकों का नियमितीकरण नहीं किया गया है। इसके विपरीत सरकार ने उन्हें जे.बी.टी. का पुराना पे स्केल देकर उनके साथ छल किया है।
नए वेतनमान के तहत शिक्षकों का वेतन प्रतिमाह 30,000 रुपए से कहीं अधिक होना चाहिए था लेकिन अफसरशाही ने इसे महज 21,500 पर ही फिक्स कर दिया। शिक्षकों को कोई भत्ते नहीं दिए जाएंगे और न ही समय-समय पर इनके वेतन में बढ़ौतरी होगी।
मुख्यमंत्री से मिलेगा पैट शिक्षक संघ
प्रदेश पैट शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह हिमराल व महासचिव आत्मा राम का कहना है कि इस मामले पर संघ जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिलेगा और उन्हें इस दौरान इससे अवगत करवाया जाएगा। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मामले पर मुख्यमंत्री को गुमराह किया है। सरकार ने शिक्षकों को रैगुलर स्केल पर लाने का फैसला लिया था न कि उन्हें जे.बी.टी. का पुराना वेतन देने का। संघ के पदाधिकारी जल्द ही मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे।
सरकार पुन: करे फैसले पर विचार
पैट शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से इस फैसले पर पुन: विचार करने को कहा है और जे.बी.टी. शिक्षकों की तर्ज पर पैट शिक्षकों को नया वेतनमान देने की मांग सरकार से की है। अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक महासंघ के राष्ट्रीय प्रैस सचिव चंदन नेगी का कहना है कि 14 साल की नियमित सेवाओं के बाद 3406 पैट अध्यापकों को नियमित किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि वर्ष 2016 के बजट में प्रदेश सरकार ने सभी पैट अध्यापकों को आर.टी.ई. नियमों को पूरा करने पर नियमित करने का प्रावधान किया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पैट अध्यापकों का नियमितीकरण नहीं किया गया है। इसके विपरीत सरकार ने उन्हें जे.बी.टी. का पुराना पे स्केल देकर उनके साथ छल किया है।