जागरण संवाददाता, बिलासपुर : शिमला, मंडी व सोलन जिले में शारीरिक
शिक्षकों की भर्ती के मामले में अनियमितता बरतने पर प्रदेश प्रशासनिक
ट्रिब्यूनल ने कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को 45 दिन के
भीतर बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है। हक में
फैसला आने पर न्यायालय की शरण में गए करीब सात सौ बेरोजगार शारीरिक
शिक्षकों में खुशी का माहौल है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 2014 में शिमला, मंडी व सोलन जिले में बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया के तहत शारीरिक शिक्षकों के 20 से अधिक पद अनुबंध पर भरे हैं। 1997-98 बैच के इन बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती के दौरान विभाग ने वरिष्ठता को नजरअंदाज कर अगले साल के प्रशिक्षित बेरोजगारों को नौकरी पर तैनात कर दिया, जबकि सीनियर बेरोजगारों को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया। शिक्षा विभाग के इस रवैये से आहत बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उस दौरान उच्च न्यायालय ने बेरोजगारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विभाग को उन्हें भी समान लाभ देने के निर्देश जारी किए थे। शिक्षा विभाग ने अप्रैल, 2014 में न्यायालय के फैसले पर अमल करते हुए मंडी व सोलन जिले में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों के पद भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर काउंसिलिंग के लिए बेरोजगारों को बुलावा पत्र भेजा। मंडी, कुल्लू व सोलन जिले में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की काउंसि¨लग की गई। विभाग ने बेरोजगारों की वरिष्ठता सूची तैयार कर निदेशालय को भेज दी। सोलन जिले में काउंसि¨लग के बाद एक अन्य बेरोजगार को विभाग ने शारीरिक शिक्षक के पद पर तैनाती दे दी। लेकिन मंडी व कुल्लू जिले में काउंसि¨लग का परिणाम नहीं निकाला गया। इसके बाद बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने दोबारा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लेकिन तत्कालीन शिक्षा सचिव पीसी धीमान ने झूठे व तथ्यहीन आंकड़े पेश कर न्यायालय को गुमराह किया। इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामला प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भेज दिया। करीब दो साल बाद 28 अप्रैल को प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए सरकार को 45 दिन के भीतर बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को नियुक्ति देने के आदेश जारी किए।
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प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने 28 अप्रैल को बेरोजगारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को 45 दिन के भीतर इन्हें नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय का फैसला आने पर 1997 व 1998 के प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों (सीपीएड) में खुशी का माहौल है। बेरोजगारों को न्याय मिलने में तीन साल से अधिक लग गए। विभाग जल्द शारीरिक शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति देकर बेरोजगारों को राहत प्रदान करें।
-चमन गौतम, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 2014 में शिमला, मंडी व सोलन जिले में बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया के तहत शारीरिक शिक्षकों के 20 से अधिक पद अनुबंध पर भरे हैं। 1997-98 बैच के इन बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की भर्ती के दौरान विभाग ने वरिष्ठता को नजरअंदाज कर अगले साल के प्रशिक्षित बेरोजगारों को नौकरी पर तैनात कर दिया, जबकि सीनियर बेरोजगारों को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया। शिक्षा विभाग के इस रवैये से आहत बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उस दौरान उच्च न्यायालय ने बेरोजगारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विभाग को उन्हें भी समान लाभ देने के निर्देश जारी किए थे। शिक्षा विभाग ने अप्रैल, 2014 में न्यायालय के फैसले पर अमल करते हुए मंडी व सोलन जिले में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों के पद भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर काउंसिलिंग के लिए बेरोजगारों को बुलावा पत्र भेजा। मंडी, कुल्लू व सोलन जिले में बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की काउंसि¨लग की गई। विभाग ने बेरोजगारों की वरिष्ठता सूची तैयार कर निदेशालय को भेज दी। सोलन जिले में काउंसि¨लग के बाद एक अन्य बेरोजगार को विभाग ने शारीरिक शिक्षक के पद पर तैनाती दे दी। लेकिन मंडी व कुल्लू जिले में काउंसि¨लग का परिणाम नहीं निकाला गया। इसके बाद बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों ने दोबारा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लेकिन तत्कालीन शिक्षा सचिव पीसी धीमान ने झूठे व तथ्यहीन आंकड़े पेश कर न्यायालय को गुमराह किया। इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामला प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भेज दिया। करीब दो साल बाद 28 अप्रैल को प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए सरकार को 45 दिन के भीतर बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को नियुक्ति देने के आदेश जारी किए।
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प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने 28 अप्रैल को बेरोजगारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को 45 दिन के भीतर इन्हें नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय का फैसला आने पर 1997 व 1998 के प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों (सीपीएड) में खुशी का माहौल है। बेरोजगारों को न्याय मिलने में तीन साल से अधिक लग गए। विभाग जल्द शारीरिक शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति देकर बेरोजगारों को राहत प्रदान करें।
-चमन गौतम, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बेरोजगार शारीरिक शिक्षक संघ।