शिमला: सरकारी स्कूलों में
प्राथमिक शिक्षकों सहित टी.जी.टी., पी.जी.टी. व सभी वर्ग के शिक्षकों को
हर रोज 'टीचर डायरी' लिखना अनिवार्य होगा। इसमें शिक्षकों को अपने लैसन
प्लान तैयार करने होंगे और प्रतिदिन इसे मैंटेन करना होगा।
ऐसे में यदि कोई
भी शिक्षक टीचर डायरी लिखने में कोताही बरतता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई
की जाएगी। शिक्षा विभाग ऐसे आदेश स्कूलों को जारी कर चुका है। ऐसे में
स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को 'टीचर डायरी' लिखनी ही होगी। इसके साथ
ही विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों में इंस्पैक्शन के दौरान शिक्षकों
की डायरी चैक की जाएगी। इस दौरान यदि शिक्षकों की डायरी अपडेट नहीं पाई गई
तो ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई तय है। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डा.
बी.एल. विंटा का कहना है कि विभाग इस संबंध में स्कूलों को आदेश जारी कर
चुका है। सभी शिक्षकों को टीचर डायरी लिखनी होगी और इसमें अपने डे टू डे के
लैसन प्लान डालने होंगे।स्कूल प्रवक्ता जता चुके हैं आपत्ति
टीचर डायरी लिखने को लेकर स्कूल प्रवक्ता अपनी आपत्ति जता चुके हैं। प्रवक्ताओं का कहना है कि स्कूलों में टीचर डायरी टी.जी.टी., जे.बी.टी. व अन्य दूसरे वर्ग के लिए जरूरी हो सकती है लेकिन 11वीं और 12वीं कक्षाओं को पढ़ाने वाले प्रवक्ताओं को टीचर डायरी लिखने की जरूरत नहीं है। स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 1986 से ही एन.सी.ई.आर.टी. के पाठ्यक्रम को लागू किया गया है। इसके अंतर्गत पूरे पाठ्यक्रम का वर्गीकरण किया है। इस वर्गीकरण के आधार पर ही नियमों के तहत प्रवक्ता पाठ्यक्रम को पूरा करते हैं। वर्गीकरण के आधार पर पूरे पाठ्यक्रम को यूनिटों में बांटा गया है। किस यूनिट से पेपर में कितने अंक का प्रश्न पूछा जाएगा और प्रवक्ताओं को कितने समय में कितना पाठ्यक्रम पूरा करना है, यह सब एन.सी.ई.आर.टी. ने अपने नियमों के तहत निर्धारित किया है। ऐसे में प्रवक्ताओं को अलग से टीचर डायरी लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रवक्ता वर्ग का तर्क है कि स्कूलों में डायरी की व्यवस्था स्नातक अध्यापकों के लिए है, जहां पर टर्म सिस्टम है और इसके तहत अध्यापकों को अपने तरीके से प्लान तैयार कर डायरी पर दर्शाना पड़ता है।