- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: नई शिक्षा नीति की आड़ में निजीकरण और अवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा : शिक्षाविद नई शिक्षा नीति की आड़ में निजीकरण और अवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा : शिक्षाविद

नई शिक्षा नीति की आड़ में निजीकरण और अवैज्ञानिक सोच को बढ़ावा : शिक्षाविद

केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फेडकुटा) द्वारा नई शिक्षा नीति के मसौदे पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेल्लन में वक्ताओं ने यह बात कही

नई दिल्ली। देश के जानेमाने शिक्षविदों और शिक्षा संगठनों ने कहा है कि मोदी सरकार नई शिक्षा नीति की आड़ में अंधाधुंध निजीकरण को बढ़ावा देना चाहती है और अवैज्ञानिक सोच को स्थापित कर शिक्षक समुदाय को भी दो भागों में बांटना चाहती है। केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ (फेडकुटा) द्वारा नई शिक्षा नीति के मसौदे पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेल्लन में वक्ताओं ने यह बात कही।

बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मिजोरम जैसे राज्यों से आए शिक्षक नेताओं के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, शान्ति निकेतन एवं गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने इसमें भाग लिया। सम्मेलन में वक्ताओं का कहना था कि नई शिक्षा नीति के प्रारूप में कालेजों को स्वायत्त्ता देने के नाम पर निजीकरण को बढ़ावा देने और प्रतिगामी मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है और इसमें न तो फंडिंग का जिक्र है और न ही वैज्ञानिक सोच का उल्लेख है। इससे पता चलता है कि मोदी सरकार इसकी आड़ में अपने एजेंडे को लागू करना चाहती है।

कॉर्पोरेट हाथों में चली गई है शिक्षा

देश भर के कॉलेजों में साढ़े छह लाख शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आखिल भारतीय शिक्षक महासंघ के महासचिव डॉ अरुण कुमार ने कहा कि जर्मनी जैसे पूंजीवादी देश में शिक्षा नि: शुल्क है और सार्वजानिक क्षेत्र में है, जबकि हमारे देश में शिक्षा पूरी तरह कॉर्पोरेट के हाथ में चला गया है। नई शिक्षा नीति पूरी तरह दिखावा है। इसमें धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और वैज्ञानिक सोच जैसे संवैधानिक मूल्यों के लिए कोई जगह नहीं है और सामाजिक न्याय का भी ख्याल नहीं रखा गया है, बल्कि अवैज्ञानिक नजरिए को बढ़ावा दिया गया है और सरकार विश्व व्यापर संगठन तथा गैट के इशारे पर कम कर रही है।

लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्रारूप में फंडिंग का कोई जिक्र तक नहीं है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गत दिनों अपने बजट में शिक्षा में 90 प्रतिशत राशि कम कर दी है। इस तरह पूरी शिक्षा को निजी हाथों में देने की तैयारी है। प्रारूप में भारतीय परम्परा पर जोर दिया गया है, जबकि अपने देश में कई तरह की परम्पराएं रही हैं।

तो, दूर हो जाएगी फंड की समस्या

प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर प्रभात पटनायक (सेवानिचृत) ने कहा कि सरकार फंड की कमी के नाम पर शिक्षा का निजीकरण कर रही है जबकि वह फण्ड जुटाने के लिए अमीरों पर अधिक टैक्स नहीं लगती है। दुनिया में अमीरों पर सबसे कम टैक्स भारत में ही लगता है। अगर विकसित देशों की तरह भारत भी अमीरों पर धन कर और पूंजीगत लाभ कर लगाए तो फण्ड की समस्या दूर हो जाएगी।

महंगी शिक्षा से वङ्क्षचत हो जाएंगे गरीब, दलित

दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर सतीश देश पाण्डेय ने कहा कि पिछले कुछ सालों में उच्च शिक्षा मे गरीबों, दलितों, पिछड़ों और महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन नई शिक्षा नीति के लागू होने के बाद महंगी शिक्षा होने से ये उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे जो बेहद चिंताजनक है। हैदराबाद से आए प्रसिद्ध दलित चिन्तक प्रोफसर कांचा इलैया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बहुजन समाज का कोई ख्याल नहीं रखा गया है और इसे पूरी तरह परम्परावादी और सवर्ण हिन्दू को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है।

नई शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज उठाएं लागे

डूटा एवं फेडकुटा की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि देश में विश्वविद्यालयों में जिस तरह का माहौल तैयार किया जा रहा है उसका मकसद शिक्षक समुदाय को दो भागों में विभक्त करना है। डूटा के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम ओबराय ने कहा कि आज देश भर के शिक्षकों को अपनी तनख्वाह की परवाह न कर हड़ताल करनी चाहिए और एकजुट होना चाहिए। डॉ किरण वालिया ने कहा कि अब मोदी सरकार की नीतियों के विरोध में देश में जनता का आक्रोश सामने आना चाहिए क्योंकि यह सरकार अमत्र्य सेन जैसे लोगों की आवा•ा बंद कर रही है और हरियाणा में पाठ्यक्रमों में उर्दू शब्दों को हटाकर उसकी जगह हिन्दी शब्द का इस्तेमाल कर रही है। चार सत्रों में चले इस सम्मेल्लन के अंत में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें नई शिक्षा नीति के इस मसौदे को एक स्वर में अस्वीकार किया गया।

Previous Post Next Post

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement