राज्यमंत्रिमंडल का पैरा शिक्षकों को रेगुलर करने का निर्णय लागू करने का
मामला तूल पकड़ गया है। पैरा शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर
आरोप लगाया है कि जान बूझकर इस आदेश को लागू नहीं किया जा रहा है। संघ ने
कहा कि यदि जल्द इस पर कार्रवाई हुई तो टीचर कोर्ट जाएंगे।
पैरा शिक्षक संघ के अध्यक्ष चितरंजन महंत ने कहा कि वर्ष-2003 में पैरा टीचर्स पालिसी के तहत लगे पैरा शिक्षकों को नियमित करने का फैसला सरकार ने 2014 में लिया था। 100 टीचर रेगुलर होने से वंचित रह गए थे। जबकि वे सारी शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने लेफ्ट आउट पैरा टीचरों काे रेगुलर पे स्केल देने का निर्णय लिया।
कोई भी अधिकारी इस पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं
अधिकारियोंने जानबूझ कर इन्हें अनुबंध के बराबर वेतन देने के आदेश जारी कर दिए। जबकि टीचरों को ये वेतन पहले से मिल रहा था। इस मामले को लेकर शिक्षक मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव, एसीएस वित्त सहित अन्य अधिकारियों से मिले। पिछले काफी दिनों से इस मामले को लेकर सरकार के समक्ष उठा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई अधिकारी इस पर करने को तैयार नहीं है।
सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक
संघने कहा कि नियमितिकरण की प्रक्रिया को जल्द शुरू नहीं किया गया तो शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेंगे। यही नहीं इसको लेकर कोर्ट में भी चुनौती दी जाएगी।
अदालत पहले ही केस पर दे चुकी है अपना फैसला
पैराशिक्षक संघ ने कहा कि अधिकारी फैसला लागू करने को लेकर कोर्ट केस का हवाला दे रहे हैं। जबकि विधि विभाग इस पर अपनी राय पहले ही दे चुका है।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव को तलब किया। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को दोबारा इस मामले को कैबिनेट में लाकर रेगुलर करने का निर्णय लिया। 26 अगस्त को शिक्षा सचिव की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी। लेकिन शिक्षा विभाग इस अधिसूचना को लागू ही नहीं कर रहा है।
पैरा शिक्षक संघ के अध्यक्ष चितरंजन महंत ने कहा कि वर्ष-2003 में पैरा टीचर्स पालिसी के तहत लगे पैरा शिक्षकों को नियमित करने का फैसला सरकार ने 2014 में लिया था। 100 टीचर रेगुलर होने से वंचित रह गए थे। जबकि वे सारी शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने लेफ्ट आउट पैरा टीचरों काे रेगुलर पे स्केल देने का निर्णय लिया।
कोई भी अधिकारी इस पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं
अधिकारियोंने जानबूझ कर इन्हें अनुबंध के बराबर वेतन देने के आदेश जारी कर दिए। जबकि टीचरों को ये वेतन पहले से मिल रहा था। इस मामले को लेकर शिक्षक मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव, एसीएस वित्त सहित अन्य अधिकारियों से मिले। पिछले काफी दिनों से इस मामले को लेकर सरकार के समक्ष उठा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई अधिकारी इस पर करने को तैयार नहीं है।
सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक
संघने कहा कि नियमितिकरण की प्रक्रिया को जल्द शुरू नहीं किया गया तो शिक्षक अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करेंगे। यही नहीं इसको लेकर कोर्ट में भी चुनौती दी जाएगी।
अदालत पहले ही केस पर दे चुकी है अपना फैसला
पैराशिक्षक संघ ने कहा कि अधिकारी फैसला लागू करने को लेकर कोर्ट केस का हवाला दे रहे हैं। जबकि विधि विभाग इस पर अपनी राय पहले ही दे चुका है।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव को तलब किया। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को दोबारा इस मामले को कैबिनेट में लाकर रेगुलर करने का निर्णय लिया। 26 अगस्त को शिक्षा सचिव की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी। लेकिन शिक्षा विभाग इस अधिसूचना को लागू ही नहीं कर रहा है।