विधि संवाददाता। शिमला प्रशासनिक ट्रिब्यूनल द्वारा कंप्यूटर शिक्षकों की हाल ही में हो रही भर्ती
पर रोक के पश्चात सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल ने प्रार्थियों को
सरकार के जवाब का प्रति उत्तर देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
ट्रिब्यूनल ने मौजूदा भर्ती के तहत पात्र प्रर्थियों को भी मामले में पक्षकार बनाए जाने के आवेदन को स्वीकारते हुए उन्हें प्रतिवादी बनाया। अब मामले पर सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी।
ज्ञात रहे कि ट्रिब्यूनल ने अभी तक इन पदों के लिए लिए गए साक्षत्कारों के परिणाम पर भी रोक लगा रखी है। ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि यह भर्ती नियमों के अनुसार की जा रही है और इसके लिए कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे रखी है। हाईकोर्ट ने भी कंप्यूटर टीचरों की भर्ती के लिये नीति निर्धारण की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे।
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा व प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने इन भर्तियों पर रोक लगा दी थी। सरकार इस रोक के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची, लेकिन वहां भी कोई राहत नहीं मिली थी। हाईकोर्ट ने सरकार को संभवतया 10 अक्तूबर को मामले का निपटारा करने का आग्रह किया था। मामले में प्लीडिंग पूरी न होने के कारण मंगलवार को मामले का निपटारा नहीं हो सका।
मामले के अनुसार प्रार्थी रविंद्र कुमार ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी के अनुसार, कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नियमों को दरकिनार करते हुए की जा रही है। प्रार्थी के अनुसार शिक्षकों की भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही मुख्य आधार बनाया गया है, जबकि साक्षात्कार सरकार ने स्वयं ही समाप्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर शिक्षक अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है, जो कि तर्कसंगत नहीं है।
ट्रिब्यूनल ने मौजूदा भर्ती के तहत पात्र प्रर्थियों को भी मामले में पक्षकार बनाए जाने के आवेदन को स्वीकारते हुए उन्हें प्रतिवादी बनाया। अब मामले पर सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी।
ज्ञात रहे कि ट्रिब्यूनल ने अभी तक इन पदों के लिए लिए गए साक्षत्कारों के परिणाम पर भी रोक लगा रखी है। ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि यह भर्ती नियमों के अनुसार की जा रही है और इसके लिए कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे रखी है। हाईकोर्ट ने भी कंप्यूटर टीचरों की भर्ती के लिये नीति निर्धारण की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे।
ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा व प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने इन भर्तियों पर रोक लगा दी थी। सरकार इस रोक के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची, लेकिन वहां भी कोई राहत नहीं मिली थी। हाईकोर्ट ने सरकार को संभवतया 10 अक्तूबर को मामले का निपटारा करने का आग्रह किया था। मामले में प्लीडिंग पूरी न होने के कारण मंगलवार को मामले का निपटारा नहीं हो सका।
इस कारण कोर्ट तक गया ये केस
मामले के अनुसार प्रार्थी रविंद्र कुमार ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी के अनुसार, कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नियमों को दरकिनार करते हुए की जा रही है। प्रार्थी के अनुसार शिक्षकों की भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही मुख्य आधार बनाया गया है, जबकि साक्षात्कार सरकार ने स्वयं ही समाप्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर शिक्षक अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है, जो कि तर्कसंगत नहीं है।