प्रशासनिक ट्रिब्यूनल
में कंप्यूटर शिक्षकों की हो रही भर्ती संबंधी मामले पर 31 अक्तूबर तक
सुनवाई टल गई है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने जवाब दायर कर दिया है।
सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में बताया कि भर्ती नियमों के अनुसार की जा रही
है।
इसके लिए कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी
दे रखी है। हाईकोर्ट ने भी कंप्यूटर टीचरों की भर्ती के लिए नीति निर्धारण
की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वीके शर्मा और
प्रशासनिक सदस्य प्रेम सिंह की खंडपीठ ने इन भर्तियों पर 15 सितंबर को रोक
लगाते हुए सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया था।
मामले पर सुनवाई 31 अक्तूबर को निर्धारित की गई है। मामले के अनुसार प्रार्थी रविंद्र कुमार ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी के अनुसार कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नियमों को दरकिनार करते हुए की जा रही है।
प्रार्थी के अनुसार शिक्षकों की भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही मुख्य आधार बनाया गया है जबकि साक्षात्कार सरकार ने स्वयं ही समाप्त कर दिए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर शिक्षक अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है जो कि तर्कसंगत नहीं है।
मामले पर सुनवाई 31 अक्तूबर को निर्धारित की गई है। मामले के अनुसार प्रार्थी रविंद्र कुमार ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी के अनुसार कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नियमों को दरकिनार करते हुए की जा रही है।
प्रार्थी के अनुसार शिक्षकों की भर्ती में केवल साक्षात्कार को ही मुख्य आधार बनाया गया है जबकि साक्षात्कार सरकार ने स्वयं ही समाप्त कर दिए हैं। इसके अलावा कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर शिक्षक अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है जो कि तर्कसंगत नहीं है।