- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: केंद्र सरकार ने कहा, नेट परीक्षा साल में एक ही बार कराने का कोई प्रस्ताव नहीं केंद्र सरकार ने कहा, नेट परीक्षा साल में एक ही बार कराने का कोई प्रस्ताव नहीं

केंद्र सरकार ने कहा, नेट परीक्षा साल में एक ही बार कराने का कोई प्रस्ताव नहीं

नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को साल में एक ही बार आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘‘वर्तमान में, नेट परीक्षा साल में एक बार आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से अनुरोध किया गया है
कि मौजूदा कार्यक्रम यानी साल में दो बार यूजीसी-नेट परीक्षा के आयोजन को जारी रखा जाए. सिंह ने नरेंद्र कुमार स्वैन के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.


40 केंद्रीय विवि में प्रोफेसरों के 1200 से ज्यादा पद खाली
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसके तहत आने वाले 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के स्वीकृत 2417 पदों में से 1262 पद रिक्त हैं. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने कहा कि पहली जनवरी 2018 की स्थिति के अनुसार इस मंत्रालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के स्वीकृत 2417 पदों में से 1262 पद रिक्त हैं.

'परीक्षा पर चर्चा': पीएम मोदी बच्चों से बोले- देखते हैं आप मुझे 10 में से कितने नंबर देते हैं

उन्होंने बताया कि 2016-17 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने 72 प्रोफेसरों की नियुक्ति की जबकि 2015-16 में 41 प्रोफेसरों की नियुक्ति की गयी थी. सिंह ने नरेश अग्रवाल के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.

संसदीय समिति ने उच्च शिक्षण संस्थाओं मं शिक्षकों की कमी पर चिंता जताई
देशभर में उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की भारी कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि पर्याप्त और योग्य शिक्षकों का उपलब्धता सुनिश्चित करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जरूरी है. राज्यसभा में पेश मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित स्थाई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति देशभर में उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की भारी कमी के संबंध में समय-समय पर अपनी चिंता व्यक्त करती रही है.

समिति यह देखकर क्षुब्ध है कि भलीभांति स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालयों से लेकर हाल ही में स्थापित किये गए विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों तथा निजी विश्वविद्यालयों सहित आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं तक में यह समस्या उच्च शिक्षा के विकास और शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा के तौर पर उभरी है. समिति ने कहा कि स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है और निकट भविष्य में इसमें सुधार नहीं दिखाई देता है .

'पर्याप्त और योग्य शिक्षकों का उपलब्धता सुनिश्चित करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिये जरूरी'
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति का कहना है कि पर्याप्त और योग्य शिक्षकों का उपलब्धता सुनिश्चित करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिये जरूरी है. ’’ समिति इस दिशा में विभाग द्वारा सेवानिवृति की आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष किये जाने और वेतन संरचना का सुधार करने जैसे कदमों की सराहना करती है. ‘‘ लेकिन यह इसका समाधान नहीं है .’’ समिति महसूस करती है कि जहां तक उच्च शिक्षण क्षेत्र का संबंध है, पूरे देश के लिये एक नोडल प्राधिकार होने के कारण विभाग को सक्रिय भूमिका निभानी होती ताकि मौजूदा रिक्तियों को शीघ्र भरा जा सके . समिति सिफारिश करती है कि भर्ती प्रक्रिया को पद रिक्त होने से पहले ही प्रारंभ कर देना चाहिए ताकि भर्ती के बाद नवनियुक्त व्यक्ति तत्काल पद ग्रहण कर सके .
Previous Post Next Post

Breaking News

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement

Popular Posts

Popular Posts