राज्य ब्यूरो, शिमला : स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए कांटेक्ट रिन्यू न होने से 2500 अध्यापक तो बेरोजगार हुए हैं और साथ ही स्कूलों में पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
शीतकालीन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 दिसंबर को खत्म हो गया है और इसके बाद एसएमसी
शिक्षकों ने स्कूलों में जाना छोड़ दिया। इससे प्रदेश के 630 के करीब स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। प्रदेश के 130 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल एसएमसी शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांट्रेक्ट समाप्त होने के बाद इन स्कूलों में पढ़ाई ठप पड़ी है। इतना ही नहीं डोडरा क्वार में इन दिनों स्कूलों में जमा दो मेडिकल के प्रेक्टिकल हो रहे हैं। शिक्षकों के न होने से उनका प्रेक्टिकल करने वाला भी कोई नहीं है। शिमला में सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने एसएमसी शिक्षकों के लिए अनुबंध नीति बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में मामला नहीं रखा गया। प्रदेशभर में चार हजार एसएमसी शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। 31 मार्च को ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों का भी अनुबंध समाप्त हो जाएगा।
शीतकालीन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 दिसंबर को खत्म हो गया है और इसके बाद एसएमसी
शिक्षकों ने स्कूलों में जाना छोड़ दिया। इससे प्रदेश के 630 के करीब स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। प्रदेश के 130 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल एसएमसी शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांट्रेक्ट समाप्त होने के बाद इन स्कूलों में पढ़ाई ठप पड़ी है। इतना ही नहीं डोडरा क्वार में इन दिनों स्कूलों में जमा दो मेडिकल के प्रेक्टिकल हो रहे हैं। शिक्षकों के न होने से उनका प्रेक्टिकल करने वाला भी कोई नहीं है। शिमला में सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने एसएमसी शिक्षकों के लिए अनुबंध नीति बनाने का आश्वासन दिया था, लेकिन मंत्रिमंडल की बैठक में मामला नहीं रखा गया। प्रदेशभर में चार हजार एसएमसी शिक्षक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। 31 मार्च को ग्रीष्मकालीन स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षकों का भी अनुबंध समाप्त हो जाएगा।