शिमला— हिमाचल प्रदेश के
सरकारी स्कूलों में छात्रों की एनरोलमेंट बढ़ाने के लिए अब शिक्षकों के
सुझाव पर बुकलेट तैयार की जाएगी। सर्वशिक्षा अभियान निजी संस्था अरविंद
सोसायटी के साथ मिलकर यह कार्य कर रहा है। खास बात है कि इस योजना को सिरे
चढ़ाने से पहले प्रदेश भर में शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार योजना के तहत
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण में
शिक्षकों को नए आइडिया और छात्रों को पढ़ाने के नए तरीकों के बारे में भी
बताया जा रहा है। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में छात्रों को किस तरह के नए
लर्निंग आउट प्लान और रोचक तरीके से पढ़ाना हैं, इस सबके टिप्स शिक्षकों
को दिए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार राज्य में अभी तक 25 हजार 692
शिक्षकों ने शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार योजना के तहत प्रशिक्षण हासिल
कर लिया है। अभी तक हजारों शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा को
लेकर सुझाव भी दिए हैं। शिक्षकों के सुझाव को चुनकर जो सुझाव सबसे बेहतर
होगा उसे सरकारी स्कूलों में इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए जाएंगे।
एसएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य के शिक्षकों के बेहतर सुझाव से
शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के 11
शिक्षकों के बेस्ट सुझाव की बुकलेट अरविंद सोसायटी द्वारा छापी गई थी। इस
बुक में दिए गए सुझावों के अनुसार ही वहां के शिक्षक सरकारी स्कूलों की
बेहतर शिक्षा प्रणाली के टिप्स दे रहे हैं। हिमाचल के कई ऐसे सरकारी स्कूल
हैं, जहां पर शिक्षकों ने कम बजट में भी निजी स्कूल की तर्ज पर छात्रों को
सुविधाएं दी हैं। कई स्कूलों में एसएमसी के साथ मिलकर प्री-नर्सरी कक्षाएं
शुरू कर दी हैं। इसके साथ छात्रों को कई शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन स्टडी के
टिप्स भी दिए जा रहे हैं।
दस जिलों में ट्रेनिंग पूरी, दो बाकी
जानकारी के अनुसार 10 जिलों में यह
ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, बाकी दो जिलों में भी जल्द इसे पूरा कर लिया
जाएगा। अहम बात है कि प्रदेश भर में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर चलाए जा
रहे इस अभियान के तहत शिक्षकों से सुझाव भी लिए जा रहे है। बेस्ट सुझाव की
बुकलेट तैयार की जाएगी और ऐसे सुझाव देने वालों को मुख्यमंत्री की ओर से
सम्मानित भी किया जाएगा।
छपेंगी तीन लाख एनसीईआरटी बुक्स
शिमला— हिमाचल प्रदेश के
सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से जमा दो तक के छात्र एनसीईआरटी की ही
किताबें अब पढ़ेंगे। इससे पहले पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्र
एससीईआरटी की किताबें ही पड़ते थे, लेकिन सरकार के आदेशों के बाद एनसीईआरटी
की किताबें नया सत्र शुरू होते ही छात्रों को स्कूलों में मिल जाएंगी।
प्राथमिक स्कूलों के तीन लाख छात्रों को ये किताबें पढ़ने को मिलेंगी।
स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए एडवांस में ही स्कूल
शिक्षा बोर्ड को किताबें छापने के निर्देश दे दिए जा चुके हैं। शिक्षा
विभाग के निर्देशों के बाद राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड अगले शैक्षणिक सत्र के
लिए पहली से पांचवीं कक्षा के लगभग तीन लाख छात्रों के लिए एनसीईआरटी की
किताबें छापेगा। सर्वशिक्षा अभियान ने स्कूल शिक्षा बोर्ड को इस संबंध में
पत्र लिख कर इसके लिए अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों की मानें, तो पहली से पांचवीं कक्षा के लिए विभाग द्वारा एनसीईआरटी
का सिलेबस तय कर दिया गया है और बोर्ड को भी यह सिलेबस उपलब्ध करवाया जा
रहा है। बोर्ड को इसी के मुताबिक किताबें प्रिंट करवानी होंगी। वहीं आशीष
कोहली, निदेशक राज्य परियोजना निदेशालय ने बताया कि एसएसए के परियोजना
निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि प्रदेश के तीन लाख छात्रों के लिए बोर्ड को
एनसीईआरटी की कि ताबें प्रिंट करवाने को निर्देश दे दिए गए हैं।