शिमला. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में जल्द ही शिक्षकों की कमी
पूरी होने वाली है। वीसी प्रो. सिकंदर कुमार ने विभागों से रिक्त चल रहे
शिक्षकों के पदों का ब्योरा मांगा है। ऐसे में उम्मीद की जा
रही है कि सितंबर में शिक्षकों के 220 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी
हो जाएगा। हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि कितने पदों को भरा जाना है।
रीजनल सेंटर धर्मशाला, इवनिंग कॉलेज और एचपीयू में कुल 225 के करीब शिक्षक वर्तमान में तैनात हैं। यानि की अभी भी 220 पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने करीब 70 शिक्षक गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे हुए हैं। कोर्ट ने गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगाई हुई है। इस कारण एचपीयू में शिक्षकों की कमी चली हुई हैं। वीसी प्रो. सिकंदर कुमार का कहना है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करना उनकी प्राथमिकता हैं। छात्रों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी, जल्द ही शिक्षकों की भर्ती होगी।
पूर्व कांग्रेस सरकार ने 100 टीचर्स किए थे नियुक्त
पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एचपीयू में शिक्षकों की भर्ती हुई है। करीब 100 पद शिक्षकों के नए भरे गए हैं, जबकि अभी और शिक्षकों की जरूरत यूनिवर्सिटी में है। भाजपा कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012 में शिक्षक भर्ती विवादों में रही थी। करीब छह वर्ष तक भर्ती मामला कोर्ट के विचाराधीन रहा। अब फिर से सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों की भर्ती होगी।
नैक से मिला है ए ग्रेड, शिक्षकों की है कमी
एचपीयू को भले ही नैक ने ए ग्रेड दिया हो, लेकिन यहां शिक्षकों की पहले से ही कमी चली हुई है। बीती कांग्रेस सरकार ने यहां पर कुछ शिक्षकों के पदों को भरा था, इसके बाद इन्हें भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। पीजी में रूसा सिस्टम को भी शिक्षकों की कमी के कारण शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में यदि गेस्ट फैकल्टी पर इसी तरह रोक लगी रही तो दिक्कतें हो सकती हैं।
एचपीयू को गेस्ट फैकल्टी रखने से फायदा
एचपी यूनिवर्सिटी की ओर से पीएचडी धारक, नेट पास और एमफिल पास छात्रों को गेस्ट फैकल्टी के तहत रखता है। इसके लिए अलग-अलग विभागों की ओर से साक्षात्कार की तिथि घोषित की जाती है और पात्र अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होता है। एक साल के लिए गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षक रखा जाता है। हर वर्ष नए तरीके से साक्षात्कार लिए जाते हैं। हर लेक्चर का शिक्षक को 500 से एक हजार रुपए दिया जाता है। हर माह 25 हजार रुपए वेतन निर्धारित किया गया है। इससे विवि प्रशासन को वेतन पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है।
कोर्ट से भी लगाई है गेस्ट फैकल्टी भर्ती में छूट की गुहार
एचपी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रशासन ने कोर्ट से गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों को रखने के लिए इजाजत मांगी है। प्रशासन का कहना है कि कोर्ट यदि उन्हें इजाजत देता है, तभी व शिक्षकों को रख सकते हैं। विवि प्रशासन को अब कोर्ट से उम्मीदें बंधी है। यदि कोर्ट से विवि प्रशासन को राहत नहीं मिली तो आने वाले समय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को दिक्कतें हो सकती हैं। क्योंकि, लीगल स्टडीज, यूआईआईटी, बीएचएम अौर अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस में अधिकतर गेस्ट फैकल्टी के तहत ही शिक्षक रखे गए हैं।
रीजनल सेंटर धर्मशाला, इवनिंग कॉलेज और एचपीयू में कुल 225 के करीब शिक्षक वर्तमान में तैनात हैं। यानि की अभी भी 220 पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने करीब 70 शिक्षक गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे हुए हैं। कोर्ट ने गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगाई हुई है। इस कारण एचपीयू में शिक्षकों की कमी चली हुई हैं। वीसी प्रो. सिकंदर कुमार का कहना है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करना उनकी प्राथमिकता हैं। छात्रों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी, जल्द ही शिक्षकों की भर्ती होगी।
पूर्व कांग्रेस सरकार ने 100 टीचर्स किए थे नियुक्त
पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एचपीयू में शिक्षकों की भर्ती हुई है। करीब 100 पद शिक्षकों के नए भरे गए हैं, जबकि अभी और शिक्षकों की जरूरत यूनिवर्सिटी में है। भाजपा कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012 में शिक्षक भर्ती विवादों में रही थी। करीब छह वर्ष तक भर्ती मामला कोर्ट के विचाराधीन रहा। अब फिर से सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों की भर्ती होगी।
नैक से मिला है ए ग्रेड, शिक्षकों की है कमी
एचपीयू को भले ही नैक ने ए ग्रेड दिया हो, लेकिन यहां शिक्षकों की पहले से ही कमी चली हुई है। बीती कांग्रेस सरकार ने यहां पर कुछ शिक्षकों के पदों को भरा था, इसके बाद इन्हें भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। पीजी में रूसा सिस्टम को भी शिक्षकों की कमी के कारण शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में यदि गेस्ट फैकल्टी पर इसी तरह रोक लगी रही तो दिक्कतें हो सकती हैं।
एचपीयू को गेस्ट फैकल्टी रखने से फायदा
एचपी यूनिवर्सिटी की ओर से पीएचडी धारक, नेट पास और एमफिल पास छात्रों को गेस्ट फैकल्टी के तहत रखता है। इसके लिए अलग-अलग विभागों की ओर से साक्षात्कार की तिथि घोषित की जाती है और पात्र अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होता है। एक साल के लिए गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षक रखा जाता है। हर वर्ष नए तरीके से साक्षात्कार लिए जाते हैं। हर लेक्चर का शिक्षक को 500 से एक हजार रुपए दिया जाता है। हर माह 25 हजार रुपए वेतन निर्धारित किया गया है। इससे विवि प्रशासन को वेतन पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है।
कोर्ट से भी लगाई है गेस्ट फैकल्टी भर्ती में छूट की गुहार
एचपी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रशासन ने कोर्ट से गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों को रखने के लिए इजाजत मांगी है। प्रशासन का कहना है कि कोर्ट यदि उन्हें इजाजत देता है, तभी व शिक्षकों को रख सकते हैं। विवि प्रशासन को अब कोर्ट से उम्मीदें बंधी है। यदि कोर्ट से विवि प्रशासन को राहत नहीं मिली तो आने वाले समय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को दिक्कतें हो सकती हैं। क्योंकि, लीगल स्टडीज, यूआईआईटी, बीएचएम अौर अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस में अधिकतर गेस्ट फैकल्टी के तहत ही शिक्षक रखे गए हैं।