शिमला : राज्य सरकार द्वारा एसएमसी के तहत अध्यापकों की भर्ती करने की संशोधित नीति को ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी है। प्रदेश सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार की एसएमसी नीति को कुछ संशोधनों के साथ लागू करने हुए ऐसे स्कूलों में टीचर रखने के आदेश दिए हैं, जहां पिछले एक साल से कोई शिक्षक नहीं था।
इसके विरोध में अब इस मामले को ट्रिब्यूनल में चुनौती दे दी है। संजय कुमार नामक व्यक्ति ने सरकार की इस पॉलिसी को ट्रिब्यूनल में 23 अगस्त को याचिका दायर की है। उन्होंने तर्क दिया है कि एसएमसी अध्यापकों की भर्ती को लेकर कोई भी आरएंडपी रूल नहीं हैं न ही आरएंडपी रूल के तहत नियुक्तियों एसएमसी में होती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार से आदेश मिलने के बाद उच्च शिक्षा निदेशक और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने अपने उपनिदेशकों को टीचर रखने को कह दिया है।यानी टेट पास होना भी जरूरी है। इस भर्ती में इंटरव्यू के नंबर नहीं होंगे। केवल शैक्षणिक योग्यता पर ही मैरिट बनेगी। विज्ञापन में कोई सीमा नहीं होगी। और ये नियुक्तियां पंकज कुमार के सुप्रीमकोर्ट के केस के कारण केवल अस्थायी व्यवस्था होगी। यानी ये टीचर कल को अनुबंध या पक्की नौकरी के लिए दावा नहीं कर पाएंगे। गौरतलब है कि स्कूलों की रिक्तियों पर हाईकोर्ट में चल रहे केस के बहाने कैबिनेट से पिछली 24 जुलाई को इसकी मंजूरी ली गई थी।